उत्तराखंड

रानीखेत में इस माह के दूसरे पखवाड़े में शरदोत्सव के आयोजन की आस

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अल्मोड़ा। पर्यटन नगरी रानीखेत में शरदोत्सव, ग्रीष्मोत्सव जैसे सांस्तिक उत्सवों की प्राचीन और समृद्घ परंपरा को पुनरू जीवित किए जाने की मांग लगातार मुखर हो रही है। रानीखेत सांस्तिक समिति एवं व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में अल्मोड़ा में डीएम से मुलाकात कर नगर में शरदोत्सव का आयोजन कराए जाने की मांग की। इस आशय का ज्ञापन भी सौंपा। नवंबर के दूसरे पखवाड़े में शरदोत्सव का आयोजन कराने की दिशा में सकारात्मक चर्चा हुई। सांस्तिक समिति के अध्यक्ष विमल सती के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को बताया कि कराया कि रानीखेत में शरदोत्सव, ग्रीष्मोत्सव के आयोजन की प्राचीन और समृद्घ परंपरा रही है। लेकिन पिछले तीन सालों से इन सांस्तिक उत्सवों के आयोजन पर विराम लगा है। शरदोत्सव, ग्रीष्मोत्सव के आयोजनों के अभाव में स्थानीय प्रतिभाओं को मंच नहीं नहीं मिल पा रहा। पूर्व में ये सांस्तिक उत्सव पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। शिष्टमंडल ने शरदोत्सव के आयोजन के लिए नवंबर के दूसरे पखवाड़े में सेना का नरसिंह मैदान उपलब्ध कराने तथा प्रशासन की तरफ से बैठक आयोजित करने का आग्रह डीएम से किया। शिष्टमंडल सदस्यों ने बताया कि डीएम ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए उत्सव के आयोजन को नरसिंह ग्राउंड उपलब्ध कराने के लिए शीघ्र केआरसी कमांडेंट से लिखित व मौखिक वार्ता करने का आश्वासन दिया। यह भी कहा कि शरदोत्सव बैठक के लिए संयुक्त मजिस्ट्रेट व तहसीलदार को निर्देशित करेंगी। प्रतिनिधि मंडल में व्यापार मंडल महासचिव संदीप गोयल, उपाध्यक्ष दीपक पंत, महिला उपाध्यक्ष नेहा माहरा, कोषाध्यक्ष भुवन पांडेय, सांस्तिक सदस्य गोपाल सिंह बिष्ट, मीडिया प्रभारी सोनू सिद्दीकी आदि शामिल रहे।

 

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