उत्तराखंड

जमीनों के सर्किल रेट बढ़ने से होंगे आठ नुकसान

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काशीपुर। टैक्स सीएचआर बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस दौरान उन्होंने सर्किल रेट बढ़ाने से जनता तथा सरकार को होने वाले आठ नुकसानों की जानकारी दी। साथ ही सर्किल रेट पूर्ववत करने की मांग की। मंगलवार को टैक्स सीएचआर बार एसोसिएशन अध्यक्ष नदीमउद्दीन एडवोकेट ने कहा सर्किल रेट बढ़ाने से आम जनता के साथ ही सरकार के राजस्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा आयकर अधिनियम की धारा 50सी के अनुसार अचल संपति के हस्तांतरण पर कैपिटल गैन के निर्धारण सर्किल रेट के आधार पर किया जाता है। इसके अनुसार राजिस्ट्री की संपति का वास्तविक मूल्य से यदि सर्किल रेट 10 प्रतिशत से अधिक होता, तो सर्किल रेट को ही मूल्य मानकर आयकर का भुगतान करना होता है। सर्किल रेट बढ़ते ही आयकर में स्वत: ही वृद्घि हो जाती है। सर्किल रेट बढ़ने से जहां खरीदार पर स्टांप ड्यूटी की मार बढ़ी है। वहीं, विक्रेता पर इनकम टैक्स की। कहा सर्किल रेट बढ़ने से बिना रजिस्ट्री, कच्चे कागजों को बनाकर संपति खरीद-बिक्री के मामले बढ़ना, खरीदार से धोखाधड़ी, शोषण और घोटालों की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। इसके अलावा गरीबों का अपना घर का सपना टूट जाएगा। कच्चे कागजों पर संपति व्यापार में बढ़ोतरी से कालाधन बेनामी संपति, भ्रष्टाचार में वृद्घि, स्टांप ड्यूटी और आयकर चोरी को बढ़ावा मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएगी।

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