उत्तराखंड

फर्जी फाईनेंस कंपनी चलाने वालों को 7 साल की सजा के साथ जुर्माना

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नई टिहरी। फर्जी फाईनेंस कंपनी खोलकर लोन बांटने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों में संजय, पंकज कुमार व अतुल त्यागी को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने 7 साल की कठोर सजा और 59 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि तीन आरोपियों को पुख्ता सबूत न मिलने पर बरी किया है। अभियोजन अधिकारी सीमा रानी व अजय रावत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किर्तिनगर थाने में वादी मीट की दुकान चलाने वाले करीमुद्दीन ने 12 अप्रैल, 2015 को शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोप था कि उसे कारोबार बढ़ाने के लिए लोन की जरूरत थी। जिस पर उसने कंपनी से लोन लेने के लिए स्काई लाईट कंस्ल्टिंग में आवेदन किया। जिस पर कंपनी के नाम पर आरोपियों ने लोन के नाम पर फर्जी चेक देकर उनसे पैसा भी लिया। उन्हें 10 लाख व रहीस को 5 लाख का चेक दिया गया। इस तरह से उनके साथ धोखाधड़ी कर चूना लगाने का काम किया गया। जब बैंक में चौक जमा किए गए तो वादी को धोखाधड़ी का पता चला। पुलिस ने शिकायतकर्ता की तहरीर पर 420, 467, 468, 471, 120 बी में मामला दर्ज किया। पुलिस ने मामले में 6 जुलाई, 2015 को आरोप पत्र दायर किया। अभियोजन ने मामले में 17 गवाहों के साथ विभिन्न साक्ष्य दिये। जिसके बाद न्यायाधीश अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने आरोपियों में देवप्रयाग निवासी संजय कुमार, अतुल त्यागी निवासी रसलपूर मेरठ यूपी व पंकज कुमार निवासी शामली यूपी को विभिन्न धाराओं में 7 साल कठोर कारावास और 59 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर दोषियों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। मामले में साक्ष्यों के अभाव में आशीष शर्मा, नितिन और अभिषेक शर्मा को दोषमुक्त किया गया है।

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