नौकरी के नाम पर ठगी के मामले में दोषी को तीन साल की सजा
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : नौकरी के नाम पर ठगी के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत ने दोषी को तीन साल की सजा सुनाई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मो. याकूब की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी विरेंद्र सिंह को इस मामले में दोषी पाया और 3 साल की सजा के साथ ही साढे़ 5 हजार का अर्थदंड भी ठोका।
शासकीय अधिवक्ता आशीष जदली ने बताया कि देवेंद्र सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि उनका भाई दिलवर फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों में मारा गया। जिस पर तब कई लोगों ने उन्हें मदद पहुंचाने की बात कही। इस बीच विरेंद्र सिंह निवासी सिरणा जनपद पौड़ी ने भी उनसे संपर्क किया और उनकी मदद करने की बात कही। आरोपी ने बताया कि वह देहरादून सचिवालय में कार्यरत है और वह उसे भी सचिवालय में नौकरी लगा देगा। जिस पर आरोपी ने शैक्षिक सहित अन्य प्रमाण पत्रों की कॉपी भी ली। इसके साथ ही नौकरी के नाम पर बिना राशि भरे दो खाली चेक भी यह बताते हुए मांगे कि इनमें धनराशि कार्यालय द्वारा ही भरी जाएगी। भरोसा करते हुए देवेंद्र सिंह ने आरोपी को अपने पिताजी के जिला सहकारी बैंक के दो चेक साइन किए हुए और एक चेक बिना साइन किए हुए दिए। 30 जून 2020 को जब वह जिला सहकारी बैंक त्रिपालीसैंण में गए तो पता चला कि आरोपी ने दो चेकों के माध्यम से कुल 3 लाख 25 हजार की धनराशि निकालते हुए अपने खाते में जमा करवा ली। शक होने पर विरेंद्र से बात की गई और उससे अपने पैसे वापस मांगे। तब आरोपी ने कुछ समय मांगा, लेकिन पैसे वापस नहीं दिए। इसके बाद थाना पैठाणी में आरोपी विरेंद्र सिंह निवासी सिरणा के खिलाफ तहरीर दी गई। जिस पर पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया और जांच शुरू की।