बिग ब्रेकिंग

15 घंटे भूखे प्यासे माइनस 6 डिग्री तापमान में फंसे पर्यटक

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पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जिले में भारी बर्फबारी के बाद थल-मुनस्यारी सड़क 15 घंटे से अधिक समय तक बंद रही। इस दौरान माइनस 6 डिग्री तापमान में यहां क्रिसमस मनाने आ रहे कई पर्यटक और यात्री वाहन फंसे रहे। हिमपात से थल-मुनस्यारी सड़क कालामुनि के पास कई किमी दूर तक बंद हो गई। इस रोड पर 25 से अधिक वाहनों में 63 से अधिक यात्री फंसे रहे। बर्फबारी और माइनस 6डिग्री तापमान के बीच वाहनों में यात्री सुबह होने का इंतजार करते रहे। इस दौरान भूख से भी यात्रियों का बुरा हाल रहा। सड़क के बंद रहने से भूखे-प्यासे फंसे यात्रियों की प्रशासन ने भी सुध नहीं ली। यात्री करीब 15 घंटे तक मार्ग पर फंसे रहे। महिलाओं और बुजुर्गों को अधिक दिक्कत हुई।
नाराज कई पर्यटक मुनस्यारी पहुंचकर वाया मदकोट वापस लौटे
कालामुनि में कड़ाके की ठंड के बीच फंसे रहे पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रस्पन केरल से 11 साथियों के साथ यहां आए थे। सड़क बंद हो जाने के कारण उन्होंने कालामुनि में किसी तरह रात बिताई। सुबह वाहनों को धक्का देकर मुनस्यारी पहुंचे। इसके बाद वह बिना रुके धारचूला मार्ग से वापस दिल्ली को चले गए। महाराष्ट्र की राधिका और पंकज ने कहा कि उनके अनुभव बहुत बुरे रहे। बर्फबारी देखी लेकिन कड़ाके की ठंड में रात काटने का अनुभव परेशान करने वाला रहा। कोलकाता के ट्रेवल कंपनी नेशनल टूरिज्म के आजाद खान ने बताया कि उनकी बस फंसी रही। कई घंटे बाद पर्यटकों ने स्वयं धक्का देकर वाहन को निकाला।
लोनिवि ने सुध नहीं ली, पर्यटकों ने स्वयं खोली सड़क
मुनस्यारी। थल मुनस्यारी सड़क के 15 घंटे बंद रहने के बाद भी लोनिवि को इसकी जानकारी नहीं रही। इससे परेशान पर्यटकों ने स्वयं अपने वाहनों को धक्का देकर किसी तरह वाहनों को आगे किया। इस मामले में लोनिवि के अधिशासी अभियंता जेपी थपलियाल ने बताया कि उन्हें इस सड़क के बंद रहने की कोई जानकारी नहीं थी।
मां के अंतिम संस्कार को आ रहे बेटे को भी सड़क ने दिए जख्म
सीमांत के एक बेटे को बर्फबारी से बंद सड़क ने कभी नहीं भरने वाले जख्म दिए। अपनी मां की मौत के कई घंटे बाद भी वह सड़क बंद रहने से घर नहीं पहुंच पाया। स्थानीय दुर्गा प्रसाद चमोली में नौकरी करते हैं। उन्हें मां के निधन की जानकारी मिली तो वह वाहन से कालामुनि पहुंचे। यहां पर सड़क के बंद रहने से वह 15 घंटे तक फंसे रहे। शुक्रवार शाम 7 बजे से फंसे रहे दुर्गा प्रसाद शनिवार 11 बजे किसी तरह अपने घर पहुंचे। इसके बाद उनकी मां के अंतिम संस्कार किया गया।

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