मिश्रित शिक्षण पर आधारित दो दिवसीय सेमिनार का हुआ शुभारंभ
-मिश्रित शिक्षण आज के दौर की मांगरू आरके कुंवर
नई टिहरी। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में मिश्रित शिक्षण पर आधारित दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण आरके कुंवर ने किया। उन्होंने कहा कि मिश्रित शिक्षण को चुनना आज के दौर की आवश्यकता है। शिक्षकों के डिजिटल स्तर पर किये जा रहे प्रयासों को सीमित न रखते हुये ग्लोबल लेबल पर लाने की अपील की।
निदेशक कुंवर ने विपरीत परिस्थितियों के बाद भी आनलाइन कार्य कर शिक्षकों के बेहतर कामों को सराहा और उन्हें प्रोत्साहित किये जाने को कहा। सेमिनार में विभिन्न ब्लाकों के लगभग 45 शिक्षकों ने अपने मिश्रित शिक्षण प्रणाली के तहत किये गये नवाचारी कामों का प्रस्तुतीकरण दिया। जीआईसी हिंसिरियाखाल के हर्षमणी पांडेय ने बताया कि उन्होंने यूट्यूब पर कक्षा 9 से 12 के लिए विभिन्न विषयों के 1004 वीडीयो अपलोड किये हैं। आदर्श प्राथमिक विद्यालय ललोटना के अजय पाल नेगी ने बताया कि कक्षा शिक्षण के साथ-साथ आनलाइन मोड में छात्रों को व्हाटसअप ग्रुप के माध्यम से शिक्षण करते हुये पीडीएफ के रूप में कार्य करवाया। इसके तहत बोलना, लिखना और पढ़ना जैसे आयामों पर बेहतर काम किया। थौलधार आदर्श प्राथमिक विद्यालय के अमित चमोली ने कहा कि उन्होंने स्मार्ट क्लास रिकार्डिंग, डूर स्टेप असिस्टेंट, संपर्क एप, मूल्यांकन के लिए गूगल फार्म, एवल बी फार्म, ओएमआर स्कैनर से छात्रों को शिक्षण देने का काम किया है। जीआईसी लंबगांव की संध्या नेगी ने प्रस्तुतीकरण देते हुये कहा कि कोरोना काल में आडियो-वीडीयो के रूप में शिक्षण सामग्री को छात्रों तक पहुंचाने का काम किया। सेमिनार में प्राचार्य डायट चेतन प्रसाद नौटियाल ने निदेशक कुंवर का आभार जताते हुये सभी प्रतिभागियों ने निरंतर कोरोना काल में बेहतर नवाचारी प्रयोग करने पर धन्यवाद दिया। इस मौके पर कार्यक्रम समन्वयक डा़ वीर सिंह रावत, मीनाक्षी त्यागी, धनवीर सिंह, देवेंद्र सिंह भंडारी, दीपक रतूड़ी, राजेंद्र बडोनी, नरेंद्र चंद कुमांई, विनोद पेटवाल, जितेंद्र सिंह राणा, सुधीर चंद्र नौटियाल, निर्मला सिंह, सरिता असवाल, डा सुमन नेगी, अंजना सजवाण, बिनीता सुयाल आदि मौजूद रहे।