उत्तराखंड

अनियोजित खुदाई से तीर्थपुरोहितों के पुश्तैनी मकानों को खतरा,

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नई टिहरी। बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान के तहत की गयी अनियोजित खुदाई से नारायण पुरी स्थित देवप्रयाग तीर्थ पुरोहितों के पुस्तैनी आवास ध्वस्त होने की कगार पर आ गए हैं। धाम से हाल में मिली तस्वीरों के बाद तीर्थपुरोहित समाज में हड़कंप मचा है। तीर्थ पुरोहितों ने शासन-प्रशासन से धाम स्थित उनके पुस्तैनी आवासों को तत्काल सुरक्षा दिये जाने की मांग की है। बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत नारायणपुरी में अलकनंदा तट की ओर आस्था पथ प्रस्तावित है। जिसके तहत यहां जेसीबी के जरिये काफी खुदाई भी कर दी गयी। मगर रेतीली मिट्टी होने से यहां भू-धंसाव भी शुरू हो गया, जो अब तीर्थपुरोहित समाज की पुरानी बस्ती तक पहुंच गया है। इससे बदरीनाथ मन्दिर से जुड़ी कुबेर गली का एक हिस्सा जहां ढह चुका है, वहीं देवप्रयाग वासियों का पंचभैया मोहल्ला भी इसकी जद में आ गया है। नारायण पुरी का यह क्षेत्र मास्टर प्लान में भी शामिल नहीं है। कपाट बंद होने के बाद धाम में अनुमति लेकर गए देवप्रयागवासी अमन व भुवनेश भट्ट ने जब यहां की तस्वीरें व जानकारी भेजी, तो तीर्थ पुरोहितों में हड़कंप मच गया। भू-धंसाव की जद में आये देवप्रयागवासी दस परिवारों ने डीएम चमोली को तहसीलदार देवप्रयाग मानवेंद्र बर्त्वाल के माध्यम से ज्ञापन भी भेजा है। जिसमें उन्होंने जेसीबी से अत्यधिक खुदाई से उनके आवासों के ध्वस्त होने की सम्भावना देखते निर्माण एजेंसी को यहां तत्काल सुरक्षात्मक कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की है। ज्ञापन भेजने वालों में प्रेमलाल पंचभैया, जितेंद्र डंगवाल, आलोक, अमित, शशिकान्त, उमाचरण पंचभैया, किशोर, जयप्रकाश, अजय, अनिल पंचभैया शामिल रहे।

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