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उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा खुला पत्र- जदयू कार्यकर्ता पटना आएंय पार्टी को बचाएं, ललन सिंह बोले- भटकाने का प्रयास

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पटना , एजेंसी। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अब आर या पार के मूड में नजर आ रहे हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र (ओपन लेटर) लिखा है। इसमें उन्होंने जदयू कार्यकर्ताओं से पटना में बैठक में आने अपील की है। उन्होंने कहा है कि पटना आएं और पार्टी बचाएं। हालांकि, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उनके इस पत्र को दिग्भ्रमित करने वाला बताया है।
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के अंदर अपनी ताकत दिखाने का काम शुरू कर दिया है। कुशवाहा ने रविवार को एक खुला पत्र लिखकर पूरे बिहार से जदयू कार्यकर्ताओं को पटना बुलाया है। उन्होंने यह पत्र अपने ट्वीटर हैंडल पर भी पोस्ट किया है।
कुशवाहा ने पत्र में लिखा है कि नीतीश की राजद से खास डील और जदयू के राजद में विलय की कवायद से पार्टी का अस्तित्व खतरे में है। ऐसे में जदयू कार्यकर्ता पार्टी को बचाने के लिए पहल करें। उपेंद्र ने इसके लिए कार्यकर्ताओं को 19 और 20 फरवरी को पटना के सिन्हा पुस्कालय परिसर में पहुंचने के लिए कहा है। हालांकि यह बैठक पार्टी की अधित बैठक नहीं है।
इधर, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर अब जदयू भी सीधे-सीधे प्रहार कर रहा है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट में उपेंद्र कुशवाहा के पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा कि कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना, जदयू के समर्पित एवं निष्ठावान साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास। राजद के साथ जदयू की ना कोई डील है और न ही विलय की बात। यह सिर्फ मनगढ़ंत कहानी है।
इस पोस्ट के मूल में यह है कि उपेंद्र कुशवाहा ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि राजद की ओर से खास डील हुई है। जदयू का राजद के साथ विलय की चर्चा ने न सिर्फ पार्टी के निष्ठावान नेताओं-कार्यकर्ताओं वरन आम जन मानस को झकझोर कर रख दिया है। ऐसी परिस्थिति में हम सभी के समक्ष राजनीतिक शून्यता की स्थिति बनती जा रही है। इस विषय पर चर्चा के लिए उपेंद्र ने 19 और 20 फरवरी को राजधानी पटना स्थित सिन्हा लाइब्रेरी परिसर में बैठक बुलाई है।
जद (यू़) के समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है। ना कोई डील है और ना ही विलय की बातष् – यह सिर्फ एक मनगढ़ंत कहानी है।
उपेंद्र कुशवाहा ने प्रिय साथी के संबोधन से अपने ट्वीटर हैंडल पर एक पत्र जारी किया है। इसमें उन्होंने राजद के साथ जदयू के विलय की चर्चा की है। यह भी कहा है कि जदयू अपने आंतरिक कारणों से रोज-ब-रोज कमजोर होती जा रही है। मैंने इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार अवगत कराया है। समय-समय पर पार्टी की बैठकों में भी यह बात रखी है। विगत एक-डेढ़ महीने से हर संभव कोशिश की है कि दिनोंदिन अस्तित्व खो रही पार्टी को बचाया जा सके।
उन्होंने आगे लिखा है कि यह कोशिश आज भी जारी है। पर तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री की ओर से मेरी बातों की अनदेखी की जा रही है। मेरी बातों की व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है। मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन करोड़ों लोगों का क्या होगा, जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं। जिन्होंने बड़े-बड़े कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इस दल के निर्माण में अपना योगदान किया है।

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