उत्तराखण्ड में उच्च शिक्षण संस्थान नौ महीने बाद खोलने के घोषणा के साथ ही छुट्टियों का भी कर दिया ऐलान

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देहरादून। कोरोनाकाल में उच्च शिक्षा संस्थानों को लेकर सरकार की उदासीनता छात्रों पर भारी पड़ सकती है। वैश्विक कोरोना महामारी के कारण करीब नौ महीने बाद कल 15 दिसंबर से प्रदेश सरकार ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को खोलने का निर्णय लिया तो दूसरी ओर उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी ने राजकीय महाविद्यालयों में शीतकालीन अवकाश की अधिसूचना जारी कर दी। यानि कि नौ महीने बाद खुलने वाले उच्च शिक्षण संस्थान पर्वतीय क्षेत्रों में 4 जनवरी से 4 फरवरी व मैदानी क्षेत्रों में 11 जनवरी से 30 जनवरी तक बन्द हो जाएगें।
शिक्षाविदों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण करीब नौ महीने प्रदेश के राजकीय महाविद्यालय, सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय व निजी कॉलेज बंद रहे। एक से दो घंटे कुछ संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई हुई। बाकी समय शिक्षक खाली ही रहे। ऐसे में उच्च शिक्षा निदेशालय इस बार शीतकालीन अवकाश को या तो टाल सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहाड़ों के राजकीय महाविद्यालयों में एक महीने और मैदानी क्षेत्र के कॉलेजों में 20 दिनों के लिए शीतकालीन अवकाश रहता है। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार करीब साढ़े तीन लाख छात्र-छात्राओं की पढ़ाई लगभग चौपट रही। जबकि सभी शिक्षकों करे इस अवधि में पूरा वेतन प्राप्त हुआ। इसलिए छात्र हित में अवकाश के बजाए पढ़ाई को प्राथमिकता दी जाती तो बेहतर होता।

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