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उत्तराखंड विद्युत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की शासन के साथ बैठक रही विफल

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देहरादून। उत्तराखंड विद्युत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की शासन के साथ बैठक विफल रही। मोर्चा के संरक्षक इंशाउल हक ने बताया कि मोर्चा कि शासन स्तर के अधिकारियों मांगों पर विचार करने के लिए समय मांगा है, लेकिन मोर्चा अपनी मांगें आज ही मनवाने पर अडिग है। वार्ता विफल रहने के बाद कर्मचारियों ने अपना आंदोलन यथावत रखा है। आज रात 12 बजे से प्रदेशभर के कर्मचारी हड़ताल पर होंगे। कर्मचारियों ने आम लोग से बिजली का विकल्प तैयार रखने की अपील की है। हालांकि, शासन ने मोर्चा को दोबारा वार्ता के लिए बुलाया है अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी।
ऊर्जा के तीनों निगमों के कर्मी मांगों को लेकर हड़ताल पर अड़े हुए हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों को मोमबत्ती, टार्च आदि का बंदोबस्त करने की सलाह दी है। हड़ताल के दौरान विद्युत आपूर्ति और उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। कार्मिकों ने सोमवार को दिन में सत्याग्रह और शाम को रैली निकालकर विरोध दर्ज करने के साथ मध्यरात्रि से यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल में बेमियादी हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है।
शनिवार को विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के विभिन्न घटक संघों की आपात सभा यमुना कालोनी स्थित हाइड्रोलिक इंप्लाइज यूनियन के कार्यालय में हुई। सभा में वक्ताओं ने शासन व प्रबंधन के नकारात्मक रवैये पर रोष जताया। मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि कई वर्षों से संघर्ष करने के बाद भी कर्मचारियों की नौ वर्ष, 14 वर्ष और 19 वर्ष की सेवा में एसीपी की व्यवस्था पर कोई आदेश जारी नहीं हुए। संविदा कर्मियों के नियमितीकरण व समान कार्य, समान वेतन के विषय में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसके अतिरिक्त ऊर्जा निगमों में इंसेंटिव एलाउंसेज का रिविजन आदि मांगें अभी तक लंबित हैं। उन्होंने शासन से तत्काल कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की। कोई सुनवाई न होने पर कार्मिकों ने 27 जुलाई की प्रथम पाली से तीनों ऊर्जा निगम में संपूर्ण हड़ताल का निर्णय लिया है। सभा में जगदीश चंद्र पंत, डीसी ध्यानी, प्रदीप कंसल, विनोद कवि, कार्तिकेय दुबे, दीपक बेनीवाल, अमित रंजन, भानु प्रकाश जोशी, गोविंद प्रसाद नौटियाल, प्रमोद नरेंद्र नेगी, नीरज तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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