बिग ब्रेकिंग

उत्तराखंड में एक दिन में सर्वाधिक 49 मौत, दो हजार के पार आंकड़ा

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। कोरोना वायरस की दूसरी तरह पहले से भी ज्यादा घातक साबित हो रही है। न केवल संक्रमितों की संख्या, बल्कि मौत का आंकड़ा भी अब इसकी भयावहता बयां कर रहा है। शुक्रवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमित 49 मरीजों की मौत हुई है।
ये पूरे कोरोनाकाल में एक दिन में हुई सर्वाधिक मौत हैं। इससे पहले 17 अप्रैल को यह संख्या 37 रही थी। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल में अब तक 304 मरीज कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। राहत की बात ये है कि संख्यात्मक दृष्टि से मौत यह आंकड़ा बड़ा है, पर मृत्यु दर में कुछ गिरावट आई है। मार्च अंत में मृत्यु दर 1़71 फीसद थी, जबकि अब यह 1़42 फीसद है।
उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था, जबकि पहली मौत एक मई को हुई। इसके बाद मौत का ग्राफ निरंतर बढ़ता गया। कोरोना मृत्यु दर राज्य के लिए लगातार चिंता का सबब बनी रही है। यहां सर्वाधिक मौत अक्टूबर माह में हुई। पिछले कुछ वक्त से जरूर सिस्टम सुकून में था, पर अब मौत का आंकड़ा फिर डराने लगा है।
जिस तरह से कोरोना बेकाबू हुआ है, उसके बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इससे हेल्थ सिस्टम पर भी दबाव है। स्थिति दिन-ब-दिन भयावह हो रही है और मरीजों की बढ़ती तादाद के बीच सीमित संसाधन बड़ी चुनौती हैं। बता दें कि प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित 2021 मरीजों की मौत हुई है। रक्षा मंत्रालय का यह निर्णय तब आया है जब चार दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महामारी के मद्देनजर चिकित्सा आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जरूरी खरीद के लिए तीनों सेवाओं ओर अन्य रक्षा एजेंसियों को आपात वित्तीय अधिकारी प्रदान करने की घोषणा की थी।
रक्षा मंत्रालय ने जर्मनी से 23 अक्सीजन उत्पादन संयंत्र हवाई मार्ग से लाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने यह निर्णय ऐसे समय में किया है जब कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों को चिकित्सीय अक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 40 लीटर अक्सीजन प्रति मिनट और 2400 लीटर अक्सीजन प्रति घंटा उत्पादन करने की है। रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा कि इनकी स्थापना कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमसी) के अस्पतालों में की जाएगी।
बाबू ने कहा, श्23 सचल अक्सीजन उत्पादन संयंत्र को हवाई मार्ग से जर्मनी से लाया जाएगा। इन्हें कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले एएफएमसी के अस्पतालों में स्थापित किया जाएगा।श् उन्होंने कहा कि अक्सीजन उत्पादन करने वाले संयंत्र के एक सप्ताह के भीतर हवाई मार्ग से लाने की उम्मीद है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जरूरी कागजी कार्य पूरा होने पर भारतीय वायु सेना को जर्मनी से संयंत्र लाने के लिए विमान को तैयार रखने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि विदेशों से और अक्सीजन उत्पादन संयंत्र की खरीद की जा सकती है। गौरतलब है कि भारत में कोरोना महामारी लगातार गंभीर रूप लेती जा रही है और कई राज्यों में बिस्तरों से लेकर अक्सीजन तक की कमी की खबरें आ रही हैं।
कई अस्पतालों में चिकित्सीय अक्सीजन की कमी की भी खबरें आ रही हैं। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में एक दिन में रिकर्ड तीन लाख 32 हजार 730 नए मामले सामने आए जबकि 2,263 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या एक लाख 86 हजार 920 पर पहुंच गई है।
रक्षा मंत्रालय का यह निर्णय तब आया है जब चार दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महामारी के मद्देनजर चिकित्सा आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जरूरी खरीद के लिए तीनों सेवाओं ओर अन्य रक्षा एजेंसियों को आपात वित्तीय अधिकारी प्रदान करने की घोषणा की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!