उत्तराखंड में आफत की बारिश, पेड़ गिरने से युवक की मौत, चार घायल
संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। हरिद्वार में बारिश के दौरान पेड़ गिरने से लोडर सवार एक युवक की मौत हो गई, जबकि चार घायल हुए हैं। वहीं, भूस्खलन के चलते गुरुवार रात से पीपलकोटी के पास बंद बदरीनाथ हाईवे शुक्रवार शाम को सुचारू हो पाया। इधर, भनारपानी में अचानक भू-स्खलन से हाईवे पर गुजर रहा ट्रक दब गया। चालक और हैल्पर ने भाग कर जान बचाई।
मौसम विभाग ने देहरादून और हरिद्वार समेत पांच जिलों के लिए बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में 60 से ज्यादा संपर्क मार्गों पर आवाजाही अब भी बाधित है। श्रीनगर के पास मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे 11 घंटे बंद रहा। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग तीसरे दिन भी नहीं खोला जा सका। प्रदेश में मानसून भले ही 23 जून से सक्रिय हो चुका है, लेकिन इसने रफ्तार इसी माह पकड़ी। इस दौरान दो बार बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं।
मलबा आने से सड़कों का बंद होने का सिलसिला बना हुआ है। गुरुवार को बदरीनाथ के पास हाईवे पर मलबे की चपेट में आने से कार क्षतिग्रस्त हो गई। कार में सवार दो लोग बाल-बाल बच गए। इसके अलावा पिथौरागढ़ जिले के नामिक गांव में भूस्खलन से पंचायत घर और पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में शुक्रवार और शनिवार को भारी से भारी बारिश के आसार बन रहे हैं। इस दौरान देहरादून और हरिद्वार के साथ ही पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में मौसम के तेवर तल्ख रह सकते हैं।
पस्त हुआ चीन, पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के पूरी तरह पीटे हटाने पर हुआ राजी
नई दिल्ली, एजेंसी। 5 मई से 5 जुलाई की दो महीने की लंबी अवधि तक तमाम तरह के हथकंडे अपनाकर भी भारत पर दबाव बनाने में बुरी तरह नाकाम रहा चीन अब शांति की राग अलापने लगा है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर धौंस दिखाकर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने का सपना देख रहे चीन को भारत से तो मुहंतोड़ जवाब मिला ही, विश्व बिरादरी में भी उसके खिलाफ जबर्दस्त माहौल बन गया। अब जब चीन समझ चुका है कि वो अपने ही देंके जाल में बुरी तरह फंसा गया तो सीमा पर शांति और संयम की दुहाई देने लगा। यही वजह है कि उसने भारत के साथ दोबारा अमन की बहाली की प्रक्रिया तेज कर दी है।
इसी सिलसिले में चीन ने भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद पर राजनयिक स्तर की वार्ता की और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति पूरी तरह बहाल करने के लिए क्षेत्र से सैनिकों के पूरी तरह पीटे हटने पर सहमति जताई।