उत्तराखंड

ग्राम प्रधानों ने किया एमएमएस का विरोध 

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अल्मोड़ा। सरकार द्वारा मनरेगा कार्यों में एम एम एस सिस्टम लागू किए जाने का ग्राम प्रधानों ने विरोध किया है। ग्राम प्रधान संगठन भैंसियाछाना के अध्यक्ष चंद्र सिंह मेहरा के नेतृत्व में ग्राम प्रधानों ने इस व्यवस्था के विरुद्घ खंड विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। केंद्र सरकार द्वारा 1 जनवरी 2023 से मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का मोबाइल मनिटरिंग सिस्टम से 11रू00 बजे तक हाजिरी बनाना अनिवार्य कर दिया है। ग्राम प्रधानों का कहना है कि यह असंभव है इससे विकास योजना बाधित होंगी। ज्ञापन में कहा गया है कि पहाड़ी राज्य में कई गांव में नेटवर्क की समस्या है। कई गांव ऐसे भी हैं जहां आज तक मोबाइल नेटवर्क की सुविधा भी नहीं है। इससे मनरेगा मजदूरों की हाजिरी फोटो के साथ अपलोड करना नामुमकिन है। ज्ञापन में कहा गया है कि मनरेगा कार्यों में पूर्व की भांति मस्टरोल निकालने का प्रावधान नहीं रहेगा तो मनरेगा योजनाओं में कार्य करना असंभव हो जाएगा। ग्राम प्रधानों ने चेताया है कि यदि यह बाध्यता समाप्त नहीं की गई तो ग्राम प्रधान मनरेगा के कार्यों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने को बाध्य होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष चंद्र सिंह मेहरा, ग्राम प्रधान दियारी प्रेमा बिष्ट, ग्राम प्रधान नौगांव हेमा देवी, ग्राम प्रधान लिंगुणता वीरेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान कांचुला दीवान सिंह, ग्राम प्रधान पांडेतोली हीरा देवी, ग्राम प्रधान उटियां सुनीता देवी, ग्राम प्रधान डूंगरलेख गीता चम्याल, ग्राम प्रधान दसों हरीश सिंह, ग्राम प्रधान हटोला धरम सिंह, ग्राम प्रधान खांकरी राजन सिंह, धीरज नेगी आदि लोग शामिल रहे।

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