उत्तराखंड

तेंदुओं के आतंक से निजात दिलाने की मांग, आंदोलन की चेतावनी

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अल्मोड़ा। बिनसर वन्यजीव विहार से प्रभावित गांव सुनोली के ग्रामीणों ने तेंदुओं के आतंक से निजात दिलाने की मांग अभयारण्य प्रशासन से की है। ग्रामीणों के शिष्टमंडल ने बिनसर अभयारण्य के अयारपानी स्थित राजि कार्यालय पहुंचकर वन दरोगा जीवन सिंह बोरा के माध्यम से प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम वन प्रभाग अल्मोड़ा को ज्ञापन भेजा। ग्रामीणों ने मांग पर कार्यवाही नहीं होने पर पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन में कहा है कि बिनसर वन्यजीव विहार से प्रभावित गांव सुनोली में तेंदुओं का भारी आतंक छाया हुआ है। तेंदुए दिन दहाड़े गांवों में घूम रहे हैं तथा मवेशियों को अपना निवाला बना रहे हैं। पिछले एक माह के भीतर तेंदुओं द्वारा इस गांव में 8 पालतू जानवरों का मार डाला गया है। इन सभी जानवरों को दिन अथवा शाम को अंधेरा होने से पूर्व मारा गया। तेंदुए द्वारा बकरी को मारे जाने पर बकरी की लाश या तो मिलती नहीं है या उसका अधिकांश हिस्सा तेंदुआ द्वारा खा लिए जाने के कारण पशुपालक घटना की रिपोर्ट वन विभाग में दर्ज तक नहीं करा पा रहे हैं और वे मुआवजा राशि से भी वंचित हो रहे हैं। ज्ञापन में कहा है कि पिछले कुछ दिनों से तेंदुआ सुनोली के तोक गांव सीमा के आस पास दिन में ही घूमते दिखाई दे रहे हैं, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं तथा कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित न हो जाय इस बात से आशंकित हैं। उन्होंने तेंदुआ को पकड़ने हेतु यहां पिजड़ा लगाने की मांग की है, ताकि ग्रामीणों को उसके आतंक से निजात दिलवाई जा सके। ग्रामीणों ने ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में ग्राम प्रधान मीना देवी, सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर जोशी, हेमंत कुमार, हंसा कांडपाल, हरीश चन्द्र व राजेन्द्र सिंह भाकुनी आदि लोग शामिल रहे।

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