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‘जो ट्रेलर में हो वो फिल्म में होना कतई जरूरी नहीं’, सुप्रीम कोर्ट का यशराज फिल्म्स के पक्ष में बड़ा फैसला

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नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के एक आदेश को रद्द करते यशराज के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार (22 अप्रैल) को कहा कि ट्रेलर में एक गीत, संवाद या एक संक्षिप्त दृश्य का उपयोग फिल्म की रिलीज के बारे में चर्चा पैदा करने के लिए किया जाता है। यह कतई जरूरी नहीं की जो ट्रेलर में हो वो फिल्म में देखने को मिले।
बता दें कि यह इस मामले में पहले एनसीडीआरसी ने यशराज फिल्म्स को ‘फैन’ के एक गाने को फिल्म से बाहर करने से नाराज उपभोक्ता को मुकदमे की लागत के अलावा 10,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था। फिल्म निर्माण फर्म की ओर से दाखिल की गई अपील को स्वीकार करते हुए जस्टिस पीएस नरसिम्हा और अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता का मानना कि जो प्रमोशनल ट्रेलर में है वो ही फिल्म में भी होगा यह गलत है।
शीर्ष अदालत का फैसला यश राज फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एनसीडीआरसी के एक आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए आया है। एनसीडीआरसी ने आफरीन फातिमा जैदी नाम की महिला को 10,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया था कि शाहरुख खान अभिनीत फिल्म के प्रोमो को देखकर उन्होंने इसे अपने परिवार के सदस्यों के साथ देखने का फैसला किया। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रोमो में गाना ‘जबरा फैन’ शामिल था, लेकिन जब उन्होंने फिल्म देखी तो गाना गायब था। इसके बाद शिकायकर्ता ने इसी शिकयत जिला फोरम में कर दी। हालांकि, वहां उनकी शिकायत खारिज कर दी गई। इसके बाद उन्होंने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया था।

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