बारिश थमी तो बरसे वोट, गांव की सरकार बनाने उमड़ी बुजुर्गों और युवाओं की भीड़
हरिद्वार।हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दिन सोमवार को पांच दिनों बाद आसमान खुला। बारिश थमते ही वोट बरसने शुरू हो गए। गांव की सरकार चुनने के लिए युवाओं से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं में जबरदस्त उत्साह दिखा। बुजुर्गों और महिलाओं ने गांव के विकास तो युवाओं ने बेहतर भविष्य की उम्मीद में मतदान किया।
हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के बहादराबाद ब्लक के पथरी, मिस्सरपुर, पंजनहेड़ी, जियापोता, बहादराबाद, धनौरी, जमालपुरकलां और लालढांग समेत अन्य गांवों में पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीणों में उत्साह दिखा।
बारिश की संभावना को लेकर भी ग्रामीण संशय में थे, लेकिन सोमवार को पांच दिन की लगातार बारिश के बाद सुबह से आमसान खुला। पूरे दिन धूप खिली और ग्रामीणों ने जोश के साथ अपना जनप्रतिनिधि के चयन के लिए वोट डाला। वहीं, राजकीय प्राथमिक विद्यालय धनपुरा में 102 वर्षीय अकबरी दो युवाओं के सहारे मतदान केंद्र तक पहुंचीं। अकबरी ने बताया कि बच्चों ने कहा कि मतदान हो रहा है तो मैंने कहा कि मैं भी अपना वोट डालने जाऊंगी।
मिस्सरपुर मतदान केंद्र पर 80 वर्षीय बुजुर्ग कदम सिंह वोट डालने पहुंचे। कदम सिंह ने बताया कि गांवों में विकास तो दूर सफाई और खडंजा-नाली निर्माण तक ठप है। इसकी वजह 18 महीने से ग्राम पंचायत बिना जनप्रतिनिधि की रही लेकिन अब जनप्रतिनिधि मिलने से गांवों में बुनियादी विकास हो सकेगा।
सराय नगर निवासी बुजुर्ग यामीन गांव के विकास के लिए वोट देने पहुंचे। जमालपुर निवासी बुजुर्ग पुरुषोत्तम ने बताया कि प्रत्याशी की काबलियत को देखते हुए वोट किया ताकि ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।
जियापोता गांव निवासी विशाल और सुमित ने पहली बार अपने मत का प्रयोग किया। विशाल और सुमति ने बताया कि गांवों में शिक्षा-चिकित्सा और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। वह पढ़े लिखे प्रत्याशी को वोट देने आए हैं, जिससे गांव के युवाओं को बेहतर कल मिल सके।
वहीं, रुड़की ब्लक के भंगेड़ी महावतपुर में पंचायत घर में बनाए गए पोलिंग बूथ पर लोगों ने हंगामा कर दिया। इस दौरान लोगों ने एक पार्टी के प्रत्याशी पर बिना कार्ड के एजेंट को अंदर दाखिल करने का आरोप लगाया। कुछ लोगों ने वोटिंग में फर्जीवाड़ा करने का भी आरोप लगाया।
रुड़की के बोलो के बरहमपुर शंकरपुरी गांव में मतदान केंद्र के सामने रात हुई बारिश के कारण पानी भर गया है। वोट डालने के लिए आने वाले ग्रामीणों को जूते चप्पल निकाल कर मतदान केंद्रों तक जाना पड़ रहा है। ,