झमाझम बारिश से शहर की सड़कें तालाब में तब्दील
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। मंगलवार को कोटद्वार भाबर में भी बारिश का सिलसिला जारी रहा। झमाझम बारिश से गर्मी से तो राहत मिली लेकिन शहर की सड़कों पर जलभराव हो गया। जिससे पैदल राहगीरों व वाहन चालकों को आवाजाही में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ी। सड़कों की हालत ऐसी थी कि जरूरी काम से निकले लोगों को घुटने भर से ज्यादा पानी से होकर गुजरना पड़ा। यह कोई पहला मौका नहीं है जब नेशनल हाईवे सहित अन्य सड़कें नालों में तब्दील हुई हों। प्रत्येक बरसात में सिस्टम के तमाम दावे सड़कों में पानी की तरह बहते हुए नजर आते हैं।
कोटद्वार भाबर में रविवार से बारिश हो रही है। सोमवार को भी दिन भर बारिश रही। मंगलवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे बारिश शुरू हुई। दोपहर 12 से 1 बजे तक मूसलाधार बारिश होने से सड़कें जलमग्न हो गई। नालियों का पानी सड़क पर आ जाने से गंदे पानी के बीच से ही लोगों को निकलना पड़ रहा था। झमाझम बारिश ने नगर निगम की बरसाती पानी की निकासी और नालियों की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। नालियां ओवरफ्लो होने से बरसाती पानी और गंदगी सड़क पर बहने लगी। कुछ ही देर में मुख्य मार्ग की सड़कें बरसाती पानी से लबालब भर गई। घरों से जरूरी घरों से निकले लोगों को जलभराव और गंदगी के चलते दिक्कते झेलनी पड़ी। बारिश से झण्डाचौक, मालगोदाम रोड, बदरीनाथ मार्ग, स्टेशन रोड, गोविंदनगर, लकड़ीपड़ाव, काशीरामपुर तल्ला , आमपड़ाव, गाड़ीघाट, झंडाचौक, रेलवे स्टेशन, देवी रोड, आदि क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण हर बार कोटद्वार में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। इसके बावजूद सिस्टम सुध लेने को तैयार नहीं है। स्थानीय निवासी महेश, प्रवेश का कहना है कि बारिश ने स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की मानसून से निपटने की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है। नालियों की नियमित सफाई न होने तथा डेनेज सिस्टम के फेल होने से शहर में जल भराव की स्थिति पैदा हो रही है।