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5 जुलाई को होने वाली सीटीईटी परीक्षा स्थगित, केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय को आज गुरुवार को सूचित किया गया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं
कक्षाओं की शेष परीक्षायें रद्द कर दी गयी हैं। ये परीक्षायें जुलाई महीने में आयोजित करने का कार्यक्रम था। सीबीएसई बोर्ड के 12वीं कक्षा के छात्रों के पास बाद में
परीक्षा देने या फिर पिछली तीन आंतरिक परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन का रास्ता चुनने का विकल्प उपलब्ध रहेगा। परंतु 10वीं कक्षा के छात्रों के
लिये पुनरूपरीक्षा का विकल्प नहीं होगा। आईसीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के पास दुबारा परीक्षा का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर , न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केन्द्र और
सीबीएसई बोर्ड की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता के इस कथन का संज्ञान लिया कि 1 से 15 जुलाई के दौरान होने वाली 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षायें
रद्द कर दी गयी हैं। मेहता ने पीठ को सूचित किया कि 12वीं कक्षा के छात्रों के पिछली परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर उनका आकलन करने की एक योजना
तैयार की गयी है। सीबीएसई ने कहा कि स्थिति अनुकूल होने पर ही दुबारा परीक्षायें आयोजित की जायेंगी और पुनरू परीक्षा का विकल्प 10वीं कक्षा के छात्रों को
उपलब्ध नहीं होगा।
पीठ ने जब यह सवाल किया कि परीक्षा फल घोषित करने के बाद कब से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा तो सीबीएसई ने बताया कि परीक्षा के नतीजे मध्य अगस्त
तक घोषित किये जा सकते हैं। इस बीच, आईसीएसई ने पीठ को सूचित किया कि वह 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को पुनरू परीक्षा का विकल्प उपलब्ध नहीं
करायेगी और परीक्षाफल पिछले प्रदर्शन के आधार पर ही घोषित किया जायेगा।
शीर्ष अदालत ने सीबीएसई और आइसीएसई से कहा कि वह विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुये 12वीं कक्षा के लिये
दुबारा परीक्षा, आंतरिक मूल्यांकन, परीक्षा फल की तारीख और पुनरूपरीक्षा की स्थिति से संबंधित मुद्दों पर एक नयी अधिसूचना जारी करे। पीठ ने कहा, ‘‘आपने
कहा है कि जब स्थिति अनुकूल होगी तो परीक्षा आयोजित की जायेगी। लेकिन अलग अलग राज्य में स्थिति अलग अलग हो सकती है। क्या यह निर्णय केन्द्रीय
प्राधिकारी लेंगे या राज्य निर्णय लेगा? आप इस स्थिति से कैसे निबटेंगे?’’ पीठ ने कहा कि सीबीएसई की अधिसूचना में आंतरिक मूल्यांकन और समय सीमा के
बारे में संकेत दिया जाना चाहिए।
मेहता ने कहा, ‘‘इस संबंध में कल तक अधिसूचना जारी कर दी जायेगी।’’ इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ को सूचित किया गया कि दिल्ली, महाराष्ट्र और
तमिलनाडु जैसे राज्यों ने बोर्ड की परीक्षायें आयोजित करने में असमर्थता व्यक्त की है। न्यायालय कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सीबीएसई द्वारा
12वीं कक्षा के लिये एक से 15 जुलाई के दौरान परीक्षायें आयोजित करने संबंधित 18 मई की अधिसूचना रद्द करने के लिये दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा
था। आईसीएसई बोर्ड से भी इसी तरह की राहत का अनुरोध किया गया था। इससे पहले, केन्द्र सरकार और सीबीएसई ने मंगलवार को न्यायालय को सूचित किया
था कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर एक विशेषज्ञ समिति 12वीं कक्षा की एक से 15 जुलाई के बीच होने वाली शेष परीक्षाओं को रद्द करने
के बारे में निर्णय लेने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है और बुधवार तक इस बारे में कोई निर्णय लिया जा सकता है।
सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल होने वाले कुछ छात्रों के अभिभावकों ने भी न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में सीबीएसई को
पूर्व में ली गई परीक्षाओं के आधार पर परिणाम घोषित करने और इसे शेष विषयों के आंतरिक मूल्यांकन अंकों के औसत के आधार पर तय करने के निर्देश देने का
अनुरोध किया गया था। आईसीएसई बोर्ड ने भी न्यायलाय से कहा था कि वह सीबीएसई की परीक्षाओं के मामले में सरकार के फैसले का ही व्यापक रूप से
अनुपालन करेंगे। सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षायें 15 फरवरी से शुरू हुयी थीं। ये परीक्षायें तीन अप्रैल को समाप्त होनी थीं। इसी तरह, 10वीं की परीक्षायें 21
फरवरी को शु्रू हुयीं थीं और उन्हें 29 मार्च को समाप्त होना था, लेकिन इसी दौरान 25 मार्च को देश में कोविड-19 महामारी की वजह से लकडाउन घोषित कर दिया
गया था।

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