लॉकडाउन में ढील और प्रवासियों की आवाजाही से बढ़ रहे कोरोना के मामले: विशेषज्ञ
नई दिल्ली, एजेन्सी। भारत अब कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित 10 देशों में शामिल है और विशेषज्ञों का कहना है कि जांच क्षमता में वृद्धि के साथ ही यात्रा प्रतिबंधों में ढील और प्रवासियों की यात्रा जैसी चीजों की वजह से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया के अनुसार मामलों में वर्तमान बढ़ोतरी अधिकतर ‘हॉटस्पॉट’ क्षेत्रों से सामने आ रही है, लेकिन आने वाले दिनों में ज्यादा लोगों के यात्रा करने से कोविड-19 के मामलों में और वृद्धि की संभावना है।
गुलेरिया ने कहा, ‘जो लोग लक्षणमुक्त हैं या जो लक्षण-पूर्व की स्थिति में हैं, वे स्क्रीनिंग तंत्र से गुजरकर उन जगहों पर पहुंच सकते हैं, जहां कम मामले हैं।’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरत इस बात की है कि उन इलाकों पर करीब से नजर रखी जाए जहां प्रवासी लौटे हैं। गुलेरिया ने यह भी कहा कि क्योंकि अब जांच क्षमता में वृद्धि हो गई है, इसलिए भी अधिक मामले सामने आ रहे हैं। प्रवासियों के अपने गांव लौटने और रेल व हवाई यात्रा की आंशिक शुरुआत पर टिप्पणी करते हुए इंडियन पब्लिक हेल्थ असोसिएशन और इंडियन असोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव ऐंड सोशल मेडिसिन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत एस पांडव ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार के लिए दरवाजे खुल गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस के लिए जंगल में आग की तरह फैलने का माहौल उत्पन्न करने का यह एक स्पष्ट उदाहरण है। आगामी कुछ दिनों में, मामलों में नाटकीय वृद्धि होगी। हालांकि यह सच है कि हमेशा के लिए लॉकडाउन नहीं रह सकता, लेकिन शुरुआत बहुत ही सधे हुए तरीके से होनी चाहिए थी।’ पांडव ने कहा, ‘यात्रा से संक्रमण फैलता है। अब, सरकार को संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए और मजबूत निगरानी सुनिश्चित करनी होगी।’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड-19 से मरनेवालों की संख्या 4,167 और संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1, 45,380 तक पहुंच चुकी है।
इंडियन मेडिकल असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने कहा कि यदि प्रवासी आपस में उचित दूरी के बिना लगातार लौटते रहेंगे तो आने वाले दिनों में संक्रमण के मामलों में और वृद्धि देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘अगले 10 दिन में मामले दो लाख के पार चले जाएंगे। तीसरे लॉकडाउन के खत्म होने से पहले मामलों में वृद्धि और चौथे लॉकडाउन में मामलों में वृद्धि का जारी रहना इस बात का प्रमाण है कि लोग जरूरी सोशल डिस्टैंसिंग का का पालन नहीं कर रहे हैं।’
अग्रवाल ने कहा, ‘यहां तक कि मई के अंतिम सप्ताह में जब भीषण गर्मी है, मामलों के बढ़ने का मतलब है कि सतह से मानव में प्रसार के मुकाबले मानव से मानव में संक्रमण का प्रसार अधिक महत्वपूर्ण है। सामान्यत: गर्मी में सतह से मानव में प्रसार कम होना चाहिए था और नए मामलों में आधी कमी आनी चाहिए थी, जो नहीं हुआ।’ जॉन हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार भारत कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में दुनिया में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, स्पेन, इटली, ब्राजील, जर्मनी, तुर्की और फ्रांस के बाद दसवें स्थान पर है।