उत्तराखंड

वन रैंक वन पेंशन सही मायने में लागू नहीं करने का आरोप

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अल्मोड़ा। अल इंडिया पूर्व सैनिक लीग के समन्वयक तथा कांग्रेस से 1971 की लड़ाई की गोल्डन जुबली आयोजन के संयोजक कैप्टन(रि) प्रवीण डाबर ने कहा कि मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को सही मायने में लागू नहीं किया है। पूर्व सैनिकों के साथ हुए धोखे का भाजपा को इस चुनाव में जवाब मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सही मायने में पूर्व सैनिकों के हितों का ध्यान रखते आई है। कैप्टेन( रि) डाबर शुक्रवार को कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड की मीडिया कोर्डिनेटर आकांक्षा ओला के साथ कांग्रेस की ओर से पूर्व सैनिकों के लिए जारी शौर्य के नाम पर वोट और सेना के हितों पर चोट पंपलेट को जारी भी किया। डाबर ने कहा कि सेना में 1,22,555 पद खाली चल रहे हैं। इनमें 10 हजार सैन्य अधिकारी के पद हैं। उन्होंने कहा कि वन रैंक वन पेंशन को सही मायने में लागू नहीं हुआ है। जबकि आज भी पांच प्रकार की पेंशन मिल रही हैं। 5 से 15 हजार तक का अभी तक अंतर बना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 1971 तक कई लड़ाइयों में देश का गौरव बरकार रखा है। बांग्लादेश का निर्माण किया गया लेकिन इसका कभी भी कोई राजनीतिक फायदा नहीं उठाया है। भाजपा एक सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक लाभ ले रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुमाऊं में कांग्रेस के प्रति लोगों का रुझान बना है। 29 से 25 सीटों पर पार्टी सफलता हासिल करेगी। उन्होंने भाजपा के तीन मुख्यमंत्री बनाने पर भी कटाक्ष किया। इस मौके पर रबिन भंडारी, राजीव कर्नाटक आदि मौजूद रहे।

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