कोटद्वार-पौड़ी

जरूरतमंदों की सेवा के लिए तत्पर छात्र संगठनों के कार्यकर्ता

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राजीव खत्री
श्रीनगर।
रंग से न करो प्यार, वो एक दिन ढल जाएगा इंनसानियत को दो मान, वो ही तुम्हारे काम आएगा धर्म अर्धम से दूर होके, इंसानियत का दिया जलाओ यारो बुरे समय में इंसान हीं इंसान के काम आएगा इन लाइनों को चिरितार्थ कर रहे हैं श्रीनगर में छात्र संगठनों के कार्यकर्ता व युवा। कोरोना संकमण काल में श्रीनगर का हर युवा जरूरतमंदों की सहायता के लिए 24 घंटे तत्पर हैं। चाहे कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार की बात हो या फिर किसी जरूरतमंद को ब्लड, ऑक्सीजन, दवाई की आवश्यकता हो। ये युवा हर मोर्चे पर डटे हुए हैं। इन युवाओं के बुलंद हौंसलों के सामने महामारी भी घुटने टेक चुकी है। इन युवाओं की इंसानियत के जब्जे का ही परिणाम है कि शहर में कोई भी जरूरतमंद असहाय व अकेला महसूस नहीं कर रहा है।

राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर के कोविड अस्पताल में उत्तराखंड के ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी कोविड के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी लोग बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। जहां अस्पताल प्रबंधन इन मरीजों के उपचार में जुटा हैं, वहीं गढवाल विवि के विभिन्न छात्र संगठनों के युवा भी मरीजों व तीमारदारों की सेवा में दिन-रात जुटे हुए है। एबीवीपी के कार्यकर्ता कोरोना संक्रमित शवों का अंंतिम संस्कार कर रहे हैं, तो जय हो छात्र संगठन के कार्यकर्ता अस्पताल, सड़कों व मोहल्लों में घूम-घूम कर जरूरतमंदों को खाना बांट रहे हैं। डीएसओ छात्र संगठन रसोई चलाकर जरूरतमंदों को खाना घर-घर पहुंचा रहे हैं। वहीं आइसा छात्र संगठन के कार्यकर्ता मरीजों को ब्ल्ड व आक्सीजन की सुविधाओं लिए दिन-रात एक कर रहे हैंं। इन छात्र संगठनों का प्रत्येक कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों की सेवा में जुटा हुआ हैं। इन कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल हैकि बडी संख्या में हर रोज कोरोना की जंग जीत कर घर लौट रहे हैं। वहीं शहर का हर युवा भी असहायों व जरूरतमंदों की सेवा में जुटा हुआ है। दैनिक जयंत परिवार इन युवाओं के जज्बे को सैल्यूट करता है।

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