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अखाड़े की परंपरांओं का किया जा रहा उल्लंघन : राजकमल दास

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हरिद्वार। ब्रह्मलीन योगीराज बर्फानी दादा के शिष्य राजकमल दास ने कहा कि चर्तु सम्प्रदाय के अध्यक्ष पर दिनेश दास को नियुक्त कर अखाड़े की परंपराओं का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे चर्तु सम्प्रदाय के अध्यक्ष रहे ब्रह्मलीन बर्फानी दादा के शिष्य हैं। इसलिए योगीराज बर्फानी दादा के ब्रह्मलीन होने पर गद्दी पर उनका अधिकार बनता है। लेकिन एक ऐसे संत को गद्दी पर बैठा दिया गया है। जिसका न तो चर्तु सम्प्रदाय और न ही ब्रह्मलीन बर्फानी दादा से कोई संबध है। ऐसे कृत्य से संत परंपरांओं ह्रास हो रहा है। राजकमल दास ने आरोप लगाया कि कुंभ में अपने गुरू ब्रह्मलीन योगीराज बर्फानी दादा का शिविर लगाने के लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए वे लगातार मांग कर रहे हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अखाड़ा परंपरा के अनुसार किसी संत के ब्रम्हलीन होने पर उनकी गद्दी उनके उत्तराधिकारी को दी जाती है। योगीराज बर्फानी दादा के शिष्य होने के नाते वे उनकी गद्दी के वास्तविक उत्तराधिकारी वे हैं। लेकिन सम्प्रदाय से बाहर के संत को गद्दी सौंप दी गयी। जोकि अखाड़ा परंपरा का उल्लंघन है। राजकमल दास ने आरोप लगाते हुए कहां कि दिगंबर अखाड़े के चर्तु संप्रदाय की ओर से योगीराज बर्फानी बाबा के लिए गद्दी लगाने का स्थान तक नहीं दिया जा रहा है। गद्दी के लिए स्थान मांगने पर उनके साथ दुव्र्यवहर किया जा रहा है। वे लगातार वैष्णव अखाड़ों के श्रीमहंतों से संपर्क कर रहे हैं। लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही है। गुरू को सम्मान दिलाने व उनकी शिक्षाओं का प्रचार करने के लिए वे अपना संघर्ष लगातार जारी रखेंगे।

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