उत्तराखंड

सरकार से मांगा वृद्घा आश्रम मामले में जवाब

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने समाधान एनजीओ की जिलों में वृद्घा आश्रम खोलने व चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करानेको लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामलेकी सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ नेसचिव स्वास्थ्य व परिवार कल्याण से सात दिसंबर तक जवाब पेश करने को कहा है। मामले के अनुसार एनजीओ ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2018 मेंउच्च न्यायालय ने सरकार को सभी जिलों में वृद्घ आश्रम खोलने व आश्रम में बुजुर्गों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन चार साल बीतने के बाद भी राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए न तो आश्रम खोले गए और न ही उन्हें कोई सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह प्रदेश सरकार का दायित्व हैकि प्रत्येक जिले में वृद्घाआश्रम खोले। याची ने वृद्घ आश्रमों में पर्याप्त सुविधाओं की उपलब्धता पर भी जोर दिया। याची का कहना था कि केवल नाम के लिए आश्रम न खोले जाएं। 2018 में कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को सम्मान के साथ जीने का उनका मौलिक अधिकार है। वरिष्ठ नागरिकों के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति सहित सम्मान और शालीनता की रक्षा करना राज्य सरकार का कर्तव्य है। हमारा एक कल्याणकारी और समाजवादी राज्य है। राज्य से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने नागरिकों का सम्मान की रक्षा करे।

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