उत्तराखंड

राष्ट्रीय प्रैस दिवस के अवसर पर प्रैस क्लब में किया संगोष्ठी का आयोजन

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हरिद्वार। राष्ट्रीय प्रैस दिवस के अवसर पर जिला सूचना विभाग द्वारा प्रैस क्लब में राष्ट्र निर्माण में प्रैस की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रेस क्लब अध्यक्ष श्रवण झा एवं संचालन महामंत्री अश्विनी अरोड़ा ने किया। संगोष्ठी में विचार रखते हुए मुख्य अतिथी सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि जिम्मेदारी और निष्पक्षता से कार्य करने से विश्वसनीयता कायम होती है। प्रत्येक कार्य क्षेत्र में दबाव का सामना करना एक स्वाभाविक स्थिति है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में पत्रकारों और पत्रकारिता की बड़ी भूमिका है। पत्रकार जिम्मेदारी और निष्पक्षता से कार्य करते हुए वास्तविक तस्वीर पेश करें। जिससे संबंधित पक्ष नीतियों में सुधार कर सकें। वरिष्ठ पत्रकार पीएस चौहान ने कहा कि 1966 में प्रैस को रेगुलेट करने के लिए गठित प्रैस काउंसिल अफ इंडिया शक्तियों के अभाव में उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पा रही है। प्रैस काउंसिल अफ इंडिया का गठन प्रिंट मीडिया को ध्यान में रखकर किया गया था। लेकिन मीडिया के स्वरूपों में विस्तार के चलते अब शक्ति संपन्न और सरकारी नियंत्रण से मुक्त मीडिया काउंसिल बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रैस क्रीडम इंडेक्स में इस वर्ष भारत का 150वें पायदान पर पहुंचना चिंताजनक है। इस पर भी विचार किए जाने की जरूरत है। प्रेस क्लब अध्यक्ष श्रवण कुमार झा ने कहा कि प्रैस की विश्वसनीयता आज भी सर्वाधिक है। इस विश्वसनीयता को बनाए रखते हुए सकारात्मक होकर राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने का कार्य पत्रकारों को करना चाहिए। महामंत्री अश्विनी अरोड़ा ने सभी को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बदलते दौर में प्रेस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है। सभी को सकारात्मक होकर राष्ट्र निर्माण में निष्पक्षता के साथ योगदान देना होगा। वरिष्ठ पत्रकार रजनीकांत शुक्ला ने कहा कि ईमानदारी व सत्यनिष्ठा के साथ पत्रकारिता करते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचंद्र भट्ट ने कहा कि पत्रकारिता का स्वतंत्र रूप से राष्ट्र निर्माण में योगदान हो, इसके लिए पत्रकारिता में नैतिकता की स्थापना बेहद जरूरी है। दीपक नौटियाल ने कहा कि भारत में पत्रकारिता हमेशा प्रभावशाली रही है। स्वतंत्र पत्रकारिता के चलते सरकारों को भी झुकना पड़ना और सरकारें बदली गयी। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में प्रैस किस प्रकार स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके, यह विचारणीय है। राहुल वर्मा ने कहा कि पत्रकारिता पर विचारधारा का प्रभाव हमेशा रहा है। लेकिन प्रत्येक दौर में विचारधारा से इतर जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को भी उठाया जाता रहा है। वरिष्ठ पत्रकार जयपाल सिंह ने कहा कि वर्तमान हालत चिंताजनक हैं। पत्रकारिता पर विचारधारा के प्रभाव के आरोपों को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। इस अवसर पर विक्रम छाछर, गुलशन नैय्यर राजकुमार पाल, धर्मेन्द्र चौधरी, तनवीर अली, अमरीश कुमार, महावीर नेगी, नरेश दीवान शैली, शाहनवाज, नौशाद खान, मुदित अग्रवाल, विकास चौहान, सुमेश खत्री, राजेश कुमार, जहागीर मलिक, हरीश, जीतू, विकास गुप्ता, शिवा अग्रवाल, सुभाष कपिल व सूचना विभाग के वरिष्ठ सहायक अभिषेक श्रीवास्तव, तथा गीता राजपूत सहित बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे।

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