बिग ब्रेकिंग

अपनी आय बढ़ाने की बजाए शासन पर निर्भर हो गई नैनीताल पालिका, अब वेतन तक के लाले पड़े

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नैनीताल। वित्तीय संकट से जूझ रहे नगर पालिका प्रबंधन ने कर्मचारियों को तीन माह का वेतन, पेंशन और अन्य भुगतान का आश्वासन देकर कार्य बहिष्कार तो समाप्त करवा दिया, लेकिन पालिका की मुसीबतें अभी कम नहीं हुई है। पालिका के पास बजट के नाम पर राज्य वित्त से मिलने वाली मासिक ग्रांट के रूप में करीब सवा करोड़ रुपए के अलावा पार्किंग और टोल टैक्स से होने वाली आय का ही सहारा है।
शासन से मिली ग्रांट और पार्किंग लेकब्रिज चुंगी से आने वाली आई को जोड़ भी लिया जाए तो यह तीन करोड़ से अधिक नहीं होगी, जबकि पालिका को कर्मचारियों के तीन माह के वेतन, पेंशन और अन्य भुगतानों के लिए करीब पांच करोड़ की जरूरत पड़ेगी। पालिका किस तरह इस संकट से उभर पाएगी यह बड़ा सवाल है। अशोक वर्मा, ईओ नगर पालिका नैनीताल ने कहा कि कर वसूली को लेकर कर अधीक्षक को सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा पंचवर्षीय कर निर्धारण को लेकर कर्मचारियों द्वारा सर्वे किया जा रहा है। जल्द सर्वे निपटाकर नई दरें लागू की जाएंगी।
नगर पालिका नैनीताल के वित्तीय संकट से जूझने का सबसे बड़ा कारण पालिका अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी रही है। संसाधनों से परिपूर्ण होने के बावजूद हर वर्ष पालिका इतनी आए भी नहीं जुटा पाती कि कर्मचारियों के लंबित भुगतान चुकता कर सके। भवन कर व सफाई कर की वसूली हो या अन्य संसाधनों से होने वाली आय पालिका अधिकारी इनकी वसूली में हमेशा ही सुस्त रहे हैं। ऐसे में पालिका के पास बजट का टोटा होना लाजमी है।
पालिका को हर वर्ष भवन व सफाई कर से करीब सवा दो करोड़ की आमदनी होती है। जिसमें से करीब डेढ़ करोड़ ही वसूल हो पाया है। सफाई कर जमा करने के लिए दो जनवरी और भवन कर के लिए 25 मार्च अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। कोरोना संक्रमण के चलते यह तिथि बढ़ाकर बाद में 17 मई कर दी गई, लेकिन अंतिम तिथि गुजरने के चार माह बाद भी अभी इन करो कि करीब आधी वसूली बाकी है।
आठ वर्षों में भी लागू नहीं हो पाया पंचवर्षीय कर निर्धारण
पालिका द्वारा भवन करो कि दरों में बढ़ोतरी को लेकर हर पांच वर्ष में नए सिरे से सर्वे कर नई दरें लागू की जाती हैं। जिसमें घरेलूभवनों में 25 और व्यावसायिक भवनों में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी का प्रावधान है। पालिका द्वारा 2012 में अंतिम पंचवर्षीय कर निर्धारण किया जाना था। जिसके बाद 2017 में अगला सर्वे किया जाना था। लेकिन पुराने कर निर्धारण को आठ वर्ष बीतने को है। जिसमें अभी तक सर्वे तक पूरा नहीं हो पाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!