बदला लेने बेटे ने सौतेली मां को उतारा था मौत के घाट
हल्द्वानी। शहर के दमुवाढूंगा क्षेत्र में 20 अगस्त को महिला की गला रेतकर हत्या की वारदात का खुलासा कर पुलिस ने मृतका के सौतेले बेटे को दोस्त के साथ गिरफ्तार कर लिया है। उनकी निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया है। पिता के छोड़ने से सगी मां को हुए कष्टों और बहन की मौत का बदला लेने के लिए बेटे ने सौतेली मां की हत्या की थी। दोनोें को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।दमुवाढूंगा के मित्र विहार में रहने वाला नरेश गंगवार कुसुमखेड़ा में टुकटुक की मरम्मत करता है। 20 अगस्त की रात करीब सवा आठ बजे नरेश काम से लौटा तो कमरे में पत्नी ऊषा गंगवार का गला कटा शव मिला। घर से उसका तीन साल का बेटा भी गायब था। कुछ देर बाद बेटा पड़ोसी के घर में मिला। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि नरेश की ऊषा दूसरी पत्नी थी। पहली पत्नी से चार बच्चे हैं और वह किच्छा में रहती है। ऊषा का भी नरेश दूसरा पति था और पहले पति से उसकी एक 14 साल की बेटी है और वह भी किच्छा में रहते हैं। प्रेम प्रसंग के चलते चार साल पहले दोनों ने शादी कर ली थी और दमुवाढूंगा में आकर रहने लगे। पुलिस को पता चला कि दोपहर में दो युवक बाइक से उसके घर आए थे।
एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि मित्र विहार को जाने वाले रास्ते में पड़ने वाले प्रतिष्ठानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने पर दो संदिग्ध चेहरे सामने आए। इन चेहरों की तस्दीक कराने के बाद काठगोदाम थाना पुलिस टीम ने किच्छा के नई बस्ती निवासी अभिषेक गंगवार और पंजाबी मोहल्ला निवासी जितेंद्र पाल को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी ने बताया कि अभिषेक मृतका के पति नरेश की पहली पत्नी का बेटा है। नरेश के दूसरी शादी करने से पहली पत्नी का परिवार बिखर गया था। अभिषेक के सामने उसकी मां कई बार रोते हुए इसके लिए ऊषा को जिम्मेदार मानती थी। वही करीब छह माह पहले अभिषेक की काठगोदाम में रहने वाली बहन की मृत्यु हो गयी थी। बहन की मौत के लिए भी अभिषेक सौतेली मां को जिम्मेदार मानता था। इसी खुन्नश में नरेश ने अपने मित्र जितेंद्र पाल को साथ लेकर सौतेली मां ऊषा को मौत के घाट उतारने का तानाबना बुन लिया।
हत्या के दिन ही खरीदा चाकू
थानाध्यक्ष काठगोदाम नंदन रावत ने बताया कि हत्या को अंजाम देने के लिए अभिषेक ने 20 अगस्त को अपने एक दोस्त से बाइक मांगी। उसी दिन उसने किच्छा के दरऊ से दो सौ रुपये में चाकू खरीदा। दोपहर करीब दो बजे वह बाइक से जितेंद्र के साथ दमुवाढूंगा आ गया। यहां कमरे में पहुंचकर ऊषा ने दोनों को चाय बनाकर पिलाई। ऊषा ने दोनों के लिए खाना भी बनाकर पैक किया। वारदात के समय ऊषा बिस्तर पर बैठकर बत्तियां बना रही थी। मौका मिलते ही अभिषेक ने पीछे से आकर ऊषा का पहले गला दबाया और फिर चाकू से रेत दिया।
दोस्त साथ आया, लेकिन गला रेतने से घबराया
अभिषेक और जितेंद्र स्मैक का नशा करते हैं। स्मैक पिलाने पर जितेंद्र वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार हो गया। जैसे ही नरेश ने कपड़े से ऊषा का गला दबाया तो जितेंद्र से चाकू से गला काटने के लिए कहा। जितेंद्र गला काटने से घबरा गया। इस पर अभिषेक ने खुद ही चाकू पकड़कर गला रेत डाला।
किच्छा जाकर नहाया और धोए कपड़े
वारदात को अंजाम शाम करीब साढ़े चार बजे दिया गया। इसके बाद दोनों बाइक से किच्छा भाग गए। वहां दोनों ने साथ नहाया और वारदात में प्रयुक्त कपड़े धो डाले। हालांकि पुलिस ने वारदात के समय पहने कपड़े भी बरामद कर लिए हैं।
एक सप्ताह तक रहा पिता और सौतेली मां के साथ
थानाध्यक्ष ने बताया कि करीब एक पखवाड़ा पहले अभिषेक टुकटुक मरम्मत का काम सीखने के लिए पिता नरेश के पास आया था। यहां एक सप्ताह तक वह सौतेली मां ऊषा के साथ ही घर पर रहा और पिता के साथ टुकटुक मरम्मत का काम सीखा। इसके बाद वह किच्छा वापस लौट गया। जांच में पता चला कि अभिषेक का कोई पुराना आपराधिक इतिहास नहीं है, जबकि जितेंद्र को पूर्व में किच्छा पुलिस चोरी के एक मामले में पकड़ चुकी है।