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भारतीय कंपनियों की कीमत पर नहीं देंगे विदेशी एयरलाइंस की उड़ानों को अनुमति : पुरी

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नई दिल्ली,एजेंसी । नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि विदेशी एयरलाइनों की उड़ानों को भारतीय एयरलाइनों की कीमत पर अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि लुफ्थांसा (एयरलाइन) को 30 सितंबर से 20 अक्तूबर तक की भारत और जर्मनी के बीच अपनी उड़ानें 28 सितंबर को रद्द करनी पड़ी थी।दरअसल, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने उनसे अनुमति वापस लेते हुए कहा था कि जर्मनी की यात्रा करना चाह रहे भारतीयों पर पाबंदियां हैं और इसका श्भारतीय एयरलाइनों पर काफी दुष्प्रभाव पड़ रहा है, इसके परिणामस्वरूप लुफ्थांसा के पक्ष में यातायात का असमान वितरण हो रहा है।श्
पुरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, श्यह मुद्दा विदेशी एयरलाइनों को अनुमति देने या नहीं देने के बारे में, नहीं है। हम चाहते हैं कि यहां विदेशी एयरलाइनें संचालित हों़.़ लेकिन मुझे लगता है कि यह जोरदार और स्पष्ट संदेश देने का वक्त आ गया है कि यह भारतीय एयरलाइनों की कीमत पर नहीं किया जाएगा।श्
मंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि विशेष उड़ानों के परिचालन के लिए विभिन्न देशों के साथ की गई द्विपक्षीय व्यवस्था (एयर बबल) के तहत हम पूरी बराबरी पर जोर नहीं दे रहे हैं। ‘एयर बबल’ दो देशों के बीच एक द्विपक्षीय व्यवस्था होती है, जिसके तहत दोनों देशों की उड़ानें कुछ नियम कायदों और पाबंदियों के साथ एक-दूसरे देश के बीच अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालित कर सकती हैं।
डीजीसीए के ऊपर जिक्र किए गए फैसले के बाद लुफ्थांसा की उड़ानें रद्द करनी पड़ी। वहीं, एयर इंडिया को 14 अक्तूबर तक फ्रैंकफुर्ट की सारी उड़ानें रद्द करने को मजबूर होना पड़ा क्योंकि जर्मनी ने उनसे अनुमति वापस ले ली थी। कोरोना वायरस महामारी के चलते 23 मार्च से भारत में नियमित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें निलंबित हैं।
हालांकि, भारत द्वारा जर्मनी सहित करीब 16 देशों के साथ किए गए उड़ान समझौतों के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को जुलाई से अनुमति दी गई। पुरी ने कहा, श्भारत में सभी विदेशी आर्थिक संस्थाओं के लिये अवसर है। लेकिन समान रूप से जहां वाणिज्यिक लाभ की बात है, हम अपनी एयरलाइनों के भी –उन देशों में जाने पर–वे सुविधाएं हासिल करने की आशा करते हैं।
जर्मनी के साथ एयर बबल व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया जाएगा
सितंबर में लुफ्थांसा हर हफ्ते भारत के लिए करीब 20 उड़ानें संचालित कर रहा था जबकि एयर इंडिया हर हफ्ते जर्मनी के लिए करीब तीन उड़ानें ही संचालित कर रही थी। विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत और जर्मनी, दोनों देशों के बीच उड़ानों के लिये ‘एयर बबल’ व्यवस्था को पुनरूस्थापित करने के तरीके पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, श्मंगलवार को हमारी पहले दौर की बातचीत हुई। हम एक-दो दिनों में उनसे फिर से मिलने जा रहे हैं और जर्मनी के साथ एयर बबल व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।श्

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