मोहाली एमएमएस कांड में बड़ा खुलासा: शिमला से गिरफ्तार किया गया आरोपी छात्रा का बायफ्रेंड
चंडीगढ़, एजेंसी। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के वीडियो लीक मामले में शिमला से एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की छात्रा को गिरफ्तार किया था। छात्रा पर आरोप है कि वह हस्टल में लड़कियों के नहाते हुए वीडियो बनाती थी और फिर शिमला में रहने वाले अपने बयफ्रेंड को भेजती थी। हालांकि पुलिस और विश्वविद्यालय ने इस दावे को खारिज किया था। यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर ने कहा था कि आरोपी छात्रा ने केवल खुद का ही वीडियो शूट करके भेजा था।
पंजाब पुलिस आरोपी युवक की तलाश में शिमला पहुंची थी। छात्रा ने अपने मोबाइल में आरोपी युवक की तस्वीर भी दिखायी थी। पंजाब पुलिस ने कहा था कि छात्रा शिमला में रहने वाले आरोपी युवक को अच्छी तरह जानती है। पुलिस का कहना है कि छात्रा के मोबाइल कि फरेंसिक जांच होने के बाद बाकी जानकारी सामने आएगी।
मुख्मंत्री भगवंत मान ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। वहीं कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने इस मामले पर चिंता चताते हुए पंजाब सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को चंडीगढ़ र्केपस में जाना चाहिए और इस पूरा जायजा लेना चाहिए। वह केवल ट्वीट करके इसे अनदेखा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, यह एक बेहद संवेदनशील मामला है और इसपर कड़ी कार्रवाई करना जरूरी है।
कांग्रेस नेता ने कहा, यह समय ट्विटर-ट्विटर खेलने का नहीं है। यह महिला छात्रों से जुड़ा विषय है और बहुत ही गंभीर मामला है। एक तरफ तो उच्चस्तरीय जांच की बात कही जा रही है और दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर कह रहे हैं कि कुछ हुआ ही नहीं। इस तरह कैसी जांच की जाएगी? बता दें कि विश्वविद्यालय के स्टूडेंट कार्रवाई की मांग लेकर अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विश्वविद्यालय में दो दिन क्लासेज बंद रहेंगी।
लड़कियों ने बताया- आरोपी कैसे बनाती थी वीडियो, 20 छात्राओं की आंखों देखी
मोहाली (पंजाब)। मोहाली के एक निजी यूनिवर्सिटी की छात्राओं के वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले की जांच करने पहुंचीं एडीजीपी गुरप्रीत कौर देव ने हॉस्टल में छात्राओं से लगभग डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान छात्राओं ने उन्हें बताया कि शौचालय के दरवाजे के नीचे जो जगह है, आरोपी छात्रा वहीं से उनका वीडियो बनाती थी। लड़कियों से पूछताछ के बाद एडीजीपी ने प्रेसवार्ता कर कहा कि मामले में 20 छात्राएं प्रभावित हैं, जिन्होंने आरोपी को वीडियो बनाते या फोटो खींचते देखा है।
एडीजीपी ने कहा कि रविवार की रात जो प्रदर्शन हुआ था, उसमें पीड़ित छात्राएं नहीं थीं। प्रदर्शन दूसरे विद्यार्थियों ने किया था। आरोपी छात्रा के बॉयफ्रेंड को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम रवाना हो गई है। वीडियो बनाने के बाद उसका क्या किया गया और कितनी छात्राओं के वीडियो बनाए गए, दोनों आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ के बाद यह जानकारी सामने आएगी। एडीजीपी ने कहा कि बड़े से बड़े लोगों का भी नाम आएगा तो उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाएंगे।
दोपहर लगभग 12 बजे डीजीपी के निर्देश पर एडीजीपी यूनिवर्सिटी पहुंचीं। वहां यूनिवर्सिटी प्रबंधन से चर्चा करने के बाद घटनास्थल पर पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ आईजी जीपीएस भुल्लर और मोहाली के एसएसपी विवेक शील सोनी मौजूद रहे। लगभग 50 छात्राओं से उन्होंने पूछताछ की। एडीजीपी जैसे ही हस्टल में पहुंचीं पीड़िता छात्राएं परेशान होकर उनके पास पहुंचीं और बताया कि उनकी बात को सुना ही नहीं जा रहा है।
बाहरी विद्यार्थियों की बात सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। एडीजीपी ने उन्हें भरोसा देते हुए कहा कि वह उनकी बात सुनेंगी और न्याय दिलाएंगी। एडीजीपी ने बताया कि छात्राएं जिस दरवाजे की बात कर रहीं हैं, उसकी जांच की जा रही है कि वहां से वीडियो बन सकता है या नहीं। मोबाइल से कोई डाटा डिलीट हुआ है कि नहीं इसकी भी जांच की जा रही है। एडीजीपी ने कहा कि आरोपी छात्रा के लैपटप और मेमोरी कार्ड को भी जब्त किया जाएगा।
एडीजीपी ने कहा कि हस्टल में चार हजार लड़कियां रहती हैं। इस हस्टल में नए सत्र की लड़कियां हैं इसलिए एक दूसरे को कम ही जानती हैं। छात्राएं दो हफ्ते पहले ही हस्टल में आईं थीं। उनका सेटलमेंट का प्रोसेस चल रहा था। एक लड़की के साथ तीन से चार लड़कियां रहती हैं। उन्होंने देखा कि आरोपी लड़की कमन वशरूम में दरवाजे के नीचे से कुछ फोटो ले रही थी। उन्होंने वार्डन से इसकी शिकायत की। वार्डन ने उससे पूछताछ की लेकिन फोन चेक नहीं किया।
प्रेसवार्ता के दौरान एडीजीपी ने बताया कि मामले को लेकर एक लड़की घबरा गई थी लेकिन सोशल मीडिया पर आत्महत्या की अफवाह फैल गई। लड़कियों से पूछताछ के बाद पता चला कि पुलिस और प्रशासन के दखल के बाद वह खुश है। उसका कहना था कि फोन में उसकी कोई वीडियो न हो उसे इस बात की चिंता थी। एडीजीपी ने प्रशासन को सुझाव दिया कि पीड़ित लड़कियों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालें और इस पूरी घटना पर जो भ्रम है, उसे दूर करें।