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शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, एसीपी लाभ की वसूली के आदेश निरस्त

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नैनीताल। हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से उनकी बेसिक शिक्षा परिषद में की गई सेवाओं को जोड़ते हुए दिए गए एसीपी लाभ की वसूली करने के समस्त आदेश खारिज कर दिए हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है।
नैनीताल जिले के सुरेंद्र पाल रजवार, कुंदन बर्गली, हरीश पंत व अन्य ने याचिका दायर कर शिक्षा विभाग की ओर से जारी वसूली आदेशों को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि 21 सितंबर 2020 को शासन ने एक आदेश जारी कर शिक्षा विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के राजकीयकरण से पहले बेसिक शिक्षा की सेवाओं को एसीपी का लाभ देने के लिए गणना में नहीं लिया जा सकता, इसलिए उनको इस मद में दी गई अधिक धनराशि को वसूला जाय।
याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना था कि शासन की ओर से आठ मार्च 2021 को जारी शासनादेश की गलत व्याख्या की गई है। इसके बाद निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा व अन्य शिक्षाधिकारियों की ओर से प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से वसूली के आदेश जारी कर दिए गए।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि दिनेश जोशी, ललित लोहनी, त्रिभुवन कोहली व अन्य की याचिका में हाई कोर्ट की एकलपीठ ने एसीपी का लाभ देने का आदेश पारित किया था, जिसे सरकार ने विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी।
जिसे अदालत की खंडपीठ ने खारिज कर दिया था, लिहाजा सरकार तथा शिक्षा अधिकारियों की ओर से उनके विरुद्घ पारित वसूली आदेशों को निरस्त किया जाए। न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार व शिक्षा अधिकारियों की ओर से जारी समस्त वसूली आदेशों को निरस्त कर दिया। इस आदेश से शिक्षा विभाग के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी अधिवक्ता ललित सामंत ने की।

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