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अंग्रेजों के समय की व्यवस्था खत्म, 24 घंटे हो सकेगा पोस्टमार्टम

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नई दिल्ली,एजेंसी। केंद्र ने पर्याप्त बुनियादी सुविधाओं वाले अस्पतालों में सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम करने की सोमवार को अनुमति दे दी। हालांकि, इनमें हत्या, आत्महत्या, दुष्कर्म, क्षत-विक्षत शव और संदिग्ध हालात हुई मौत के मामले को शामिल नहीं किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हिंदी में ट्वीट किया, अंग्रेजों के समय की व्यवस्था खत्म! 24 घंटे हो सकेगा पोस्टमार्टम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुशासन के विचार को आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि जिन अस्पतालों में रात को भी पोस्टमार्टम करने की सुविधा है वो अब सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम कर सकेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से प्राप्त कई संदर्भ के जवाब में और सरकारी प्रक्रियाओं के अनुपालन संबंधी बोझ को कम करके जीवन की सुगमता को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्घता के अनुरूप, आज से प्रभावी सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम प्रोटोकाल में बदलाव किए गए हैं।
मंत्रालय ने आगे कहा, श्मृतक के दोस्तों और रिश्तेदारों के अलावा, यह नई प्रक्रिया अंगदान और प्रतिरोपण को भी बढ़ावा देती है, क्योंकि प्रक्रिया के बाद निर्धारित समय में अंगों को निकाला जा सकता है।श्
मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में चर्चा हुई कि कुछ संस्थान पहले से ही रात के समय पोस्टमार्टम कर रहे हैं। साथ ही प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति तथा सुधार को देखते हुए, विशेष रूप से आवश्यक प्रकाश व्यवस्था और पोस्टमार्टम के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के चलते अस्पतालों में रात के समय भी पोस्टमार्टम करना अब संभव है। मंत्रालय के मुताबिक, संबंधित प्रोटोकाल में कहा गया है कि अंगदान के लिए पोस्टमार्टम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए और यह सूर्यास्त के बाद भी उन अस्पतालों में किया जाना चाहिए, जिनके पास नियमित आधार पर इस तरह के पोस्टमार्टम करने के लिए बुनियादी ढांचा है।
प्रोटोकाल में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी संदेह को दूर करने के लिए पूरी रात सभी पोस्टमार्टम के लिए वीडियो रिकार्डिंग की जाएगी और यह कानूनी उद्देश्यों के वास्ते भविष्य के संदर्भ के लिए संरक्षित रखी जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, हत्या, आत्महत्या, दुष्कर्म, क्षत-विक्षत शरीर और संदिग्ध श्रेणियों के मामलों को तब तक रात के समय पोस्टमार्टम के लिए नहीं रखा जाना चाहिए, जब तक कि कानून व्यवस्था से जुड़ी कोई स्थिति न हो।

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