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केंद्र सरकार ने संसद में बताया- चौथे सीरो सर्वे में 67़6 फीसद लोगों में पाई गई कोरोना एंटीबाडी

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नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना महामारी से निपटने और टीकाकरण समेत उससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सरकार ने शुक्रवार को विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। सरकार ने बताया कि घरेलू वैक्सीन उत्पादकों के साथ करार करने में किसी भी तरह की देरी नहीं हुई और वैक्सीन की आपूर्ति का आर्डर देने के साथ ही कंपनियों को अग्रिम भुगतान भी किया गया। सरकार ने यह भी बताया कि चौथे सीरो सर्वे में छह साल से अधिक उम्र के 67़6 फीसद व्यक्तियों में कोरोना एंटीबाडी पाई गई है।
लोकसभा में कांग्रेस के राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस की माला राय के लिखित सवाल के जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि अगस्त से दिसंबर के बीच कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 135 करोड़ डोज उपलब्ध होने का अनुमान है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के टीकाकरण को पूरा करने का कोई निश्चित समय तय नहीं किया जा सकता, लेकिन इस साल दिसंबर इसके पूरा होने जाने की उम्मीद है। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार अब तक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 9725़15 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। इसमें टीके की खरीद के साथ ही उसे लगाने जैसी सुविधाओं पर होने वाला खर्च भी शामिल है।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया कि देश में अभी तक जितनी भी कोरोना रोधी वैक्सीन उपलब्ध है उसे रखने के लिए किसी खास तरह के रेफ्रिजरेटर की जरूरत नहीं है। इनके लिए दो से आठ डिग्री तापमान वाला सामान्य रेफ्रिजरेटर ही पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि देश में अभी 296 वाक-इन-कूलर और 57,640 आइस-लाइंड रेफ्रिजरेटर उपलब्ध हैं। वाक-इन-कूलर और आइस-लाइंड रेफ्रिजरेटर एक विशेष प्रकार के रेफ्रिजरेटर होते हैं, जिन्हें वैक्सीन, दवा, ब्लड सैंपल इत्यादि रखने के लिए डिजाइन किया जाता है।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा कि चौथे सीरो सर्वे में छह साल से अधिक उम्र के 67़6 फीसद व्यक्तियों में कोरोना एंटीबाडी पाई गई है। यह सीरो सर्वे 14 जून से छह जुलाई के बीच देश के 20 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश के 70 जिलों में कराया गया था। इसमें छह साल से ऊपर के कुल 36,227 शामिल थे।
भारती प्रवीण पवार ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले कुल मरीजों में 11 फीसद 20 साल से कम उम्र के थे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारतीय दवा नियामक ने भारत बायोटेक को दो से 18 साल और कैडिला हेल्थकेयर को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है।
एक अन्य सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते फेफड़े में फाइब्रोसिस और थ्रोंबोटिक में वृद्घि जैसी जटिलताओं के बारे में राय बनाना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के ज्यादातर मामलों का संबंध कोरोना संक्रमण से पाया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सदन को बताया कि कुछ राज्यों ने कोरोना वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए थे, लेकिन किसी में भी वैक्सीन की खरीद नहीं की जा सकी। बाद में राज्यों ने केंद्र को सूचना दी कि उन्हें कोरोना वैक्सीन की सीधी खरीद में धन और लाजिस्टिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते एक मई से 20 जून तक टीकाकरण की गति धीमी पड़ी थी। इसकी गति को बढ़ाने के लिए ही केंद्र ने 21 जून से महाभियान चलाया। इसके तहत केंद्र ने वैक्सीन खरीद कर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देना शुरू किया।
मांडविया ने विपक्षी दलों से आग्रह किया कि वे कोरोना वैक्सीन को लेकर राजनीति नहीं करें। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को मिलकर इसके लिए काम करना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीके लगें। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार वैक्सीन के लिए अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर के साथ बातचीत कर रही है।

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