उत्तराखंड

जीवन शैली में बदलाव से कम होगा र्केसर का खतरा: राज्यपाल

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देहरादून।राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि र्केसर एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में लोगों को चपेट में ले रही है। र्केसर जैसी घातक बीमारी एवं इससे होने वाले नुकसान के बारे में दुरस्थ क्षेत्रों तक लोगों में जागरूकता के प्रयास किए जाए। शुक्रवार को राजभवन में र्केसर जागरूकता पर आयोजित सेमिनार में राज्यपाल ने कहा कि र्केसर से बचने के उपायों में हमें अपने जीवन शैली को सही रखना और संतुलित आहार करना जरूरी है। प्रत्येक व्यक्ति को इसकी घातक प्रवृत्ति, लक्षण, कारण और निदान के बारे में जागरूक बनाना होगा। विशिष्ट अतिथि सचिव-राज्यपाल रविनाथ रमन ने कहा कि जीवन शैल को संतुलित और प्रति के अनुसार बनाकर र्केसर समेत सभी बीमारियों के खतरों को कम किया जा सकता है। वर्तमान में असंतुलित जीवन शैली की वजह से भी नई नई बीमारियां सामने आ रही हैं। सुभारती र्केसर प्रबंधन संस्थान के निदेशक ड़ अनुराग श्रीवास्तव ने स्तन र्केसर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। कहा कि हर प्रकार के र्केसर का इलाज संभव है। समय पर पता चल जाए तो प्रभावी उपचार किया जा सकता है। एम्साषिकेश के ड़ अमित शेरावत द्वारा फेफड़ों में होने वाले र्केसर की जानकारी दी। एम्साषिकेश के ड़ स्वीटी गुप्ता और प्रो़ शालिनी राजाराम ने भी र्केसर से संबंधित लक्षण एवं इससे होने वाले घातक परिणामों व इससे बचने के उपायों के बारे में अपने विचार साझा किए।
एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के वीसी प्रो़ हेमचंद्र ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर दून विश्वविद्यालय की वीसी प्रो़ सुरेखा डंगवाल, आयुर्वेदिक विवि के वीसी अरुण कुमार त्रिपाठी, संस्त विवि के कुलपति प्रो़ दिनेश चंद्र शास्त्री, श्रीदेव सुमन विवि के वीसी प्रो़ एनके जोशी, दून मेडिकल कलेज के प्राचार्य ड़ आशुतोष सयाना, कुलसचिव ड़ आशीष उनियाल आदि मौजूद रहे।

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