बिग ब्रेकिंग

एक जुलाई से दो चरणों में खुलेगी चारधाम यात्रा, कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। कोरोना संक्रमण के मामलों में आई कमी को देखते हुए सरकार ने राज्यवासियों के लिए दो चरणों में चारधाम यात्रा खोलने का निर्णय लिया है। एक जुलाई से चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों की सीमा में रहने वाले व्यक्तियों को धामों में दर्शन की अनुमति होगी। इसके बाद 11 जुलाई से प्रदेश के सभी जिलों के लिए यात्रा खोल दी जाएगी। यात्रियों के लिए कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल के मुताबिक परिस्थितियां सामान्य होने पर दूसरे राज्यों के लिए भी चारधाम यात्रा खोलने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
धार्मिक महत्व के साथ ही राज्य की आर्थिकी से जुड़ी चारधाम यात्रा इस बार भी कोरोना संक्रमण की छाया से अटूती नहीं रही। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेज होने के कारण इस वर्ष 14 मई से प्रारंभ होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई थी। यद्यपि, चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट तय तिथियों पर खुले और वहां सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहित नियमित रूप से पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के मामले घटने के बाद सरकार ने 14 जून को चारधाम वाले तीन जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी जिलों के स्थानीय निवासियों को कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट के साथ 15 जून से अपने-अपने जिले के धामों में दर्शन की अनुमति देने का निर्णय लिया था, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। बात सामने आई कि यात्रा के संबंध में चारधाम देवस्थानम बोर्ड की तैयारियां नहीं हैं और हाईकोर्ट में यात्रा से संबंधित मामला विचाराधीन है। इस बीच हाईकोर्ट ने भी चारधाम यात्रा के लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश सरकार को दिए हैं।अब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में राज्यवासियों के लिए चारधाम यात्रा चरणबद्घ ढंग से खोलने का निर्णय लिया गया।
सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने रविवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से चमोली जिले की सीमा में रहने वाले लोग बदरीनाथ, रुदप्रयाग के केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में दर्शन कर सकेंगे। 11 जुलाई से राज्य के सभी जिलों के लिए यात्रा खोली जाएगी। यात्रा के लिए कोरोना जांच की आरटीपीसीआर, रैपिड एंटीजन में से किसी एक की निगेटिव रिपोर्ट होना आवश्यक है। देवस्थानम बोर्ड को एक जुलाई तक सभी तैयारियां करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!