उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने साहित्यकारों को प्रदान किये उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान

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जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में 10 साहित्यकारों को उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान किये। उन्होंने कहा कि जो समाज अपनी भाषा और बोलियों का सम्मान नहीं करता वह अपनी प्रतिष्ठा गवां देता है। उन्होंने आम लोगों का आह्वान किया कि अपनी भाषा एवं बोलियों को बचाने और उन्हें बढ़ाने के कार्य में आम लोगों की व्यापक सहभागिता बहुत जरूरी है। इस महत्वपूर्ण कार्य को हम सभी को अपने घर से आरम्भ करना होगा तथा विशेष रूप से बच्चों के साथ संवाद करते समय अपनी मातृ भाषा और आम बोलियों का प्रयोग करना होगा।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान से अपेक्षा की कि वे अपनी साहित्यिक एवं भाषाई गतिविधियों को व्यापक स्तर प्रदान कर प्रदेश में साहित्य ग्राम बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन भी करें, इससे प्रदेश में स्थानीय भाषाओं के साथ-साथ छोटे-छोटे क्षेत्रों में बोली जाने वाली बोलियों व उनमें रचे जा रहे साहित्य को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान एक ऐसे राज्य के रूप में है, जहां भाषा और साहित्य की सेवा करने वाली अनेक विभूतियों सुमित्रानंदन पंत, भजन सिंह, गोविंद चातक, गुमानी पंत, शैलेश मटियानी, डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल, मनोहर श्याम जोशी, गौरा पंत शिवानी, शेखर जोशी, लीलाधर जगूड़ी, वीरेन डंगवाल, गिरीश तिवारी गिर्दा और भैरव दत्त धूलिया ने जन्म लिया, जिन्होंने अपनी रचनाओं से उत्तराखण्ड की चिंतन परंपरा को विराट भावभूमि प्रदान की है। इसके अतिरिक्त इलाचंद्र जोशी, ओमप्रकाश वाल्मीकि, सरदार पूर्ण सिंह, प्रसून जोशी, गंगाप्रसाद विमल, शेरजंग गर्ग आदि अनेकों साहित्यकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में साहित्य के क्षेत्र में छोटे से स्थानों में जन्म लेकर सुमित्रानन्दन पन्त, शैलेश मटियानी, लीलाधर जगूड़ी आदि जैसे महान रचनाकारों ने इसकी चिन्तन परम्परा को विराट भाव भूमि प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान पाने वाले साहित्यकारों में वे साहित्यकार भी शामिल हैं जो अनेक विशिष्ट बोलियों में रचना कर्म कर रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रो. लक्ष्मण सिंह बटरोही को सुमित्रानन्दन पन्त पुरस्कार, देवकीनंदन भट्ट मयंक को गुमानी पन्त पुरस्कार, गिरीश सुंदरियाल को भजन सिंह ’सिंह’ पुरस्कार, सुरेश मंमगाई को गोविन्द चातक पुरस्कार, प्रेम कुमार साहिल को अध्यापक पूर्ण सिंह पुरस्कार, के.ए. खान उर्फ नदीम बरनी को प्रो. उनवान चिश्ती पुरस्कार, प्रो. शैलेय को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ. सुशील उपाध्याय को शैलेश मटियानी पुरस्कार, डॉ. ललित मोहन पंत को डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार तथा गणेश खुगशाल ‘गणी’ को भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर भाषा मंत्री एवं कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध उनियाल, पूर्व मुख्य सचिव इन्दू कुमार पाण्डेय, विधायक खजान दास, निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान सुश्री स्वाति एस. भदौरिया, डॉ. सुधा पाण्डे, सचिव विनोद रतूड़ी, प्रो. कुमुदिनी नौटियाल, प्रो. लक्ष्मण, बीना वेंजवाल, प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, नवीन लोहानी, लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी, हयात सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार व साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।

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