कोटद्वार-पौड़ी

सीएम पलायन रोकथाम योजना के तहत 91 ग्राम पंचायत चयनित

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। प्रभारी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने कहा कि मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत प्रथम चरण में पौड़ी जिलों की 91 ग्राम पंचायतों को चयनित किया गया है। पलायन रोकने के लिए चयनित गांवों में कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। चयनित गांवों में सीसी मार्गों को मनरेगा की सहायता से तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत निर्धारित किया गया है कि पलायन को रोक कर आजीविका के संसाधनों को बढ़ावा दिया जाए। जिसके तहत राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए 3 करोड़ 84 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। उन्होंने कहा कि फ्लोरीक्लचर, बागवानी, मशरूम उत्पादन व स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से दुग्ध उत्पादन से भी पलायन को रोका जा सकता है।
विकास भवन सभागार में गुरूवार को प्रभारी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रथम चरण में उन गांवों में चलाई जाए, जहां 50 प्रतिशत से अधिक परिवार पलायन कर चुके हैं। जिसके तहत 91 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि योजनाओं में लाभार्थियों का चयन निष्पक्ष रूप से किया जाएगा, जहां पर मजदूरों की जरूरत होगी तो मनरेगा की सहायता से कार्य किया जाएगा। उन्होंने जिला सेवायोजन अधिकारी को निर्देशित किया कि स्वरोजगार प्रशिक्षण में कौशल का पंजी ऐप में पंजीकरण आवश्यक रूप से कराना सुनिश्चित करें। साथ ही लाभार्थियों का होप पोर्टल से रजिट्रेशन कराया जाए। उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन एक वर्ष के लिए होगा, किन्तु विशेष परिस्थितियों में डेढ़ वर्ष हो सकता है। उन्होंने कहा कि गांवों में पलायन रोकने हेतु मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, पॉली हाउस, उरेडा के माध्यम से सोलर प्लांट आदि के क्षेत्र में कार्य के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहन करना सुनिश्चित करेंगे तथा योजना की विस्तृत जानकारी दें। साथ ही जिन क्षेत्रों में सेब, अखरोट, किवी की पैदावार की जा सकती है वहां इस पर कार्य के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि पशुपालन, रेशम, मत्स्य, कृषि, उद्यान विभाग पलायन रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, एपीडी सुनील कुमार, कृषि अधिकारी देवेंद्र राणा, सेवायोजन अधिकारी मुकेश रयाल, डीपीआरओ एमएम खान, मुख्य उद्यान अधिकारी नरेंद्र कुमार, स्वजल दीपक रावत, मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा, लघु सिचांई राजीव रंजन आदि मौजूद थे।

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