बिग ब्रेकिंग

कोटद्वार बेस अस्पताल: बेड से लेकर इलाज तक में अव्यवस्था, संसाधनों की कमी या कृत्रिम अव्यवस्था -इमरजेंसी में लग रही मरीजों की भीड़

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
जनपद पौड़ी गढ़वाल के पांच विकासखंडों व जिला बिजनौर के लोगों को उपचार देने वाला राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार वर्तमान कोविड माहमारी में भारी अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहा है। इस बेस चिकित्सालय की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को कई दिन तक इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। जिससे सोशल मीडिया से लेकर आम चर्चा में कोटद्वार बेस अस्पताल मरीजों को इलाज देने में विफल बताया जा रहा है। जबकि यहां पर कोविड के लिए बने हुए 100 बेड के कोविड वार्ड में अभी भी 34 बेड खाली हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हास्पिटल में कोविड के गंभीर मरीज नियंत्रित सीमा में हैं, लेकिन सामान्य मरीज जो इमरजेंसी में जा रहे हैं, उन्हें इलाज के लिए कई दिन तक इमरजेंसी वार्ड में इंतजार करना पड़ रहा है। जिससे इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की भारी संख्या बढ़ गई है। इसके कारण इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है और मरीजों को फर्श पर लेटने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इस बारें में बेस अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. वागीश काला ने कुछ भी बताने से इंकार करते हुए कहा कि इस मामले में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज शर्मा ही बयान दे सकते है। सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि मुझे कोटद्वार बेस अस्पताल के द्वारा जानकारी दी गई कि कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में निजी चिकित्सकों द्वारा मरीजों का इलाज करना बंद कर दिया गया है। जिससे सारा भार बेस अस्पताल पर आ गया है। जिससे इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बड़ी तादात में बढ़ गई है। सीएमओ डॉ. शर्मा ने इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ने के मामले में बताया कि जब तक इमरजेंसी में आये मरीजों का कोविड टेस्ट नहीं हो जाता है तब तक उन्हें संबंधित वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जा सकता है। इसलिए इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। दूसरी ओर आईएमए की कोटद्वार शाखा के सचिव डॉ. मनोज अग्रवाल ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि कोटद्वार के सभी निजी डाक्टरों द्वारा पूरी क्षमता से अधिक समय देकर अपने-अपने क्लीनिकों/नर्सिंग होम में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अलबत्ता किसी व्यक्तिगत कारण से कोई क्लीनिक एक या दो दिन बंद रहा हो, इस बारें में कहा नहीं जा सकता है, लेकिन निजी चिकित्सक पूरी क्षमता के साथ मरीजों का पूर्व की भांति इलाज कर रहे हैं।
निजी चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से वर्तमान समय में अपने-अपने क्लीनिकों में मरीजों की देखभाल करने की पुष्टि होने पर राजकीय बेस चिकित्सालय का यह दावा सही प्रतीत नहीं होता कि उसकी इमरजेंसी में क्षेत्र के पूरे मरीजों के इलाज का भार आ गया है। इस मामले में राजकीय बेस चिकित्सालय में उचित व्यवस्था का आभाव दिखाई दे रहा है।
सवाल यह उठता है कि राजकीय बेस चिकित्सालय की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करने के बाद कोरोना टेस्ट होने पर ही संबंधित वार्डों में भर्ती करने की प्रक्रिया है, तो क्यों नहीं इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का जैकेट व एंटीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है। ताकि उनकी कोविड स्थिति का तत्काल पता चल सके और उन्हें संबंधित वार्ड में तत्काल भेजा जाये। ऐसा न होने पर ही कोटद्वार बेस चिकित्सालय में इस कोविड काल में मरीजों को भगवान भरोसे छोड़कर इमरजेंसी वार्ड में रखा जा रहा है।

मरने के बाद हो रहा है कोविड टेस्ट
कोटद्वार।
बेस हॉस्पिटल कोटद्वार इमरजेंसी में गए मरीजों के कोविड टेस्ट करने की स्थिति यह है कि पिछले पखवाडे़ में एक मरीज की मौत हो जाने के बाद उसका कोविड टेस्ट किया गया तो वह पॉजीटिव निकला। यह मरीज एक दिन पहले सांस की दिक्कत होने पर राजकीय बेस चिकित्सालय की इमरजेंसी में भर्ती किया गया था। जिसका तत्काल कोविड टेस्ट न कराकर इमरजेंसी वार्ड में रखा गया। जहां उसने अगले दिन दम तोड़ दिया। व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका कोविड टेस्ट किया गया तो वह कोरोना पॉजीटिव पाया गया। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि कोटद्वार बेस अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड कोरोना संक्रमण का प्रमुख कारण बन रहा होगा। इस वार्ड में भर्ती बीमार लोगों का तत्काल कोविड टेस्ट न होने के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने के पूरे आसार है।

जरूरतमंद के लिए रखे कोविड बेड

कोरोना माहमारी के इस दूसरी प्रचंड लहर में हम लोगों को यह सोचना जरूरी हो गया है कि अपने से ज्यादा गंभीर मरीज के लिए कोविड या आक्सीजन बेड खाली रहने दे। जिन व्यक्तियों का ऑक्सीजन लेबल 95 से ऊपर है, वे आक्सीजन बेड की मांग न करें और अपने स्तर से तथा डाक्टर की सलाह पर अपना आक्सीजन लेबल बढ़ाये। जिस व्यक्ति को डाक्टर आक्सीजन देने लायक समझे उसी को आक्सीजन लेनी चाहिए। अन्य लोग आक्सीजन की अनावश्यक मांग न करें। मैं भी जल्द ही कोटद्वार बेस अस्पताल आकर व्यवस्थाओं का जायजा लूंगा।
डॉ. मनोज शर्मा, सीएमओ पौड़ी गढ़वाल

सभी निजी चिकित्सक देख रहे हैं मरीजों को
कोटद्वार क्षेत्र के सभी निजी चिकित्सक अपने-अपने क्लीनिक में आने वाले मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वर्तमान कोविड काल में कोविड नियमों का पालन कर सभी निजी चिकित्सक अपनी क्षमता से भी अधिक समय देकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने भी आम जनता से अपील की है कि कोरोना से घबराएं नहीं और जरूरी होने पर ही निजी चिकित्सक या हॉस्पिटल में जाए। लेकिन कोविड के बचाव का पूरा ध्यान रखें।
डॉ. मनोज अग्रवाल, सचिव आईएमए कोटद्वार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!