उत्तराखंड

पर्यावरण संरक्षण को सामुहिक प्रयास जरूरी

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चमोली। प्रख्यात पर्यावरणविद् और पद्मविभूषण चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है । उन्होंने कहा पर्यावरणीय असंतुलन के चलते पूरी दुनिया त्रस्त है। तथाकथित विकास के नाम पर संसाधनों का अविवेकपूर्ण ढंगसे अंधाधूंध दोहन हो रहा है, जिसके चलते धरती पर जीवन खतरे में पड़ गया है। उन्होंने कहा कि एक ओर प्रातिक आपदाओं की मार बढ़ती जा रही है। मौसमीय बदलाव के कारण आजीविका खासकर खेतीबाड़ी पर निर्भर परिवारों के उपर संकट बढ़ गया है। समाज के सबसे गरीब व्यक्ति की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। विश्व पर्यावरण दिवस पर बटेर में आयोजित पर्यावरण संरक्षण शिविर में प्रसिद्घ गांधीवादी चिंतक और चिपको आंदोलन के प्रणेता चंडीप्रसाद भट्ट ने कहा कि बुनियादी सुविधाओं हर किसी के लिए मिलनी चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण सुचिता का ध्यान भी रखा जाना चाहिए। हिमालय को पौधों से संवारने के संकल्प में लगे शिक्षक मनोज तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में गांव की महिलाओं, वन पंचायत सरपंचों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता मंगला कोठियाल, वन पंचायत सरपंच बचन सिंह रावत , बलबीर सिंह रावत, सतेंद्र नेगी, प्रमिला देवी और अध्यक्षा गीता रावत ने पर्यावरण असुंतलन के कारणों पर विस्तार से जानकारी दी। गोपेश्वर नगर को हरा भरा करने में सक्रिय मनोज तिवारी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में पर्यावरणीय संकट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विचार के साथ उसे कार्यरुप देने की आवश्यकता बताई। कहा कि छोटे छोटे प्रयासों से ही बड़े कामघ् शुरु होते हैं।

 

 

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