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कांग्रेस में लेटर बम पर घमासान राहुल के पक्ष में बुलंद हुई आवाजें लेकिन सोनिया नहीं देंगी इस्तीफा

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नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इसे देखते हुए कांग्रेस में बदलाव की मांग उठने लगी है। इस बारे में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों, पार्टी सांसदों और पूर्व मंत्रियों समेत पार्टी के शीर्ष 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि पार्टी को संचालित करने के लिए प्रभावी केंद्रीय नेतृत्व की दरकार है। इस बीच कांग्रेस के दिग्गजों के अलग अलग बयान सामने आए हैं। कुछ नेता सोनिया के नेतृत्व से संतुष्ट हैं तो कुछ ने राहुल को दोबारा अध्यक्ष पद देने की गुहार लगाई है। इस बीच कांग्रेस ने सोनिया गांधी के इस्तीफा देने का मन बनाने की खबरों को खारिज कर दिया है। कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की खबरें झूठी हैं।
छतीसगढ़ के मुख्घ्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे पार्टी के अध्यक्ष पद को संभालने की गुजारिश की है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सघ्ंिह ने कांग्रेस में गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने वाले नेताओं का विरोध करते हुए कहा है कि यह इस तरह का मसला उठाने का यह समय नहीं है। गांधी परिवार इस भूमिका के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। सोनिया गांधी जब तक चाहती हैं उन्हें कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए। कांग्रेस को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो केवल कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि समूची पार्टी, समस्त कार्यकर्ताओं और देश के लिए स्वीकार्य हो।
इस बीच कांग्रेस नेता अश्वनी कुमार ने पत्र की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे समय में कुछ वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखा जाना संदेह पैदा करता है। इनमें से कुछ नेताओं ने तो पार्टी को बार बार नुकसान भी पहुंचाया है। अश्वनी कुमार ने यह भी कहा है कि सोनिया गांधी ने पार्टी को मुश्किल वक्त में अध्यक्ष के तौर पर एकजुट किया। अभी एक साल पहले सभी नेता सोनिया जी से पार्टी की बागडोर संभालने की गुहार लगा रहे थे। अब कुछ लोगों द्वारा उनके नेतृत्व पर सवाल उठाया जाना बिल्कुल ही गलत है।
वहीं एआईसीसी सचिव चल्ला वामशी चंद रेड्डी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों को एक पत्र लिखा है। सीडब्ल्यूसी की महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहले रेड्डी ने राहुल गांधी को पदोन्नत करने की मांग की है। उन्घ्होंने कहा है कि राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाने का फैसला आगे की रचनात्मक कार्रवाई के लिए एक लन्चिंग पैड का निर्माण करेगा जो हमें भविष्य के लिए तैयार करेगा। उन्होंने दावा किया है कि राहुल इकलौते ऐसे नेता हैं जो पार्टी में युवा और वरिष्ठ नेताओं को एकजुट कर सकते हैं। राहुल को पदोन्नत करने में किसी भी तरह की देरी पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकती है। गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच में अध्यक्ष पद के मसले पर गहराए मतभेद के बीच राज्यों के पार्टी अध्यक्षों की ओर से भी आवाजें बुलंद होने लगी हैं।
असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपु बोरा ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्यसभा सांसदों के साथ वीडियो कन्फ्रेंस में मैंने स्पष्ट रूप से सोनिया गांधी से राहुल को पार्टी का नेतृत्व देने की अपील की थी क्योंकि नरेंद्र मोदी केवल राहुल गांधी से ही डरते हैं।
सनद रहे इससे पहले मध्घ्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी राहुल को परोक्ष रूप से मौका दिए जाने की वकालत कर चुके हैं। बीते दिनों उन्घ्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल ही लड़ सकते हैं।

खुर्शीद बोले, सर्वसम्मति को दें मौका
सलमान खुर्शीद ने कहा है कि पार्टी को चुनावों की जगह सर्वसम्मति को एक मौका देना चाहिए। राहुल को पार्टी नेताओं का पूरा समर्थन हासिल है। मैं इस बात की चिंता नहीं करता कि हमारे पास अध्यक्ष है या नहीं़.़ हमारे पास राहुल गांधी के रूप में एक नेता है और यही बात मुझे सुकून देती है। पार्टी नेताओं के एक वर्ग द्वारा सीडब्ल्यूसी और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की मांग करने वालों पर निशाना साधते हुए खुर्शीद ने कहा कि कुछ लोग ऐसी मांग को लेकर इतने व्यग्र क्यों हैं। बाकी दलों में तो ऐसी मांग नहीं की जाती। चुनाव महत्वपूर्ण हैं लेकिन सर्वसम्मति भी कांग्रेस में राजनीतिक प्रक्रिया का एक हिस्सा है और मैं मानता हूं कि यह बेहद महत्वपूर्ण है।

राहुल के समर्थन में खेमा
कांग्रेस में सामूहिक नेतृत्व की दलीलें पेश करने वाले वर्ग का विरोध भी शुरू हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सांसद मणिकम टैगोर ने राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी की मांग की है। तेलंगाना के पूर्व सांसद और पार्टी के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी सचिव चल्ला वामसी चंद रेड्डी ने भी राहुल गांधी को अब और बिना किसी देरी के कांग्रेस अध्यक्ष बनाने जाने की मांग की है। रविवार को सीडब्ल्यूसी को भेजे पत्र में रेड्डी ने कहा कि राहुल की पार्टी प्रमुख के रूप में बहाली में देरी की कीमत पार्टी को चुकानी होगी। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के कई सदस्य सोमवार को होने वाली बैठक में राहुल गांधी को एक बार फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग रखने की तैयारी में हैं। साथ ही, कुछ नेताओं को यह उम्मीद है कि पार्टी की कमान संभालने के लिए राहुल गांधी के तैयार नहीं होने की स्थिति में भी नेतृत्व एवं संगठन को लेकर आगे की दिशा तय करने के लिए सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के बीच किसी न किसी रोडमैप पर सहमति बन जाएगी।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोमवार सुबह वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से होने जा रही सीडब्ल्यूसी की बैठक में वरिष्ठ नेताओं के पत्र एवं इसमें दिए गए सुझावों का मुद्दा हावी रहने की प्रबल संभावना है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और सीडब्ल्यूसी के सदस्य ने कहा, यह लगभग तय है कि कल की बैठक नेतृत्व और संगठन पर ही मुख्य रूप से केंद्रित रहने वाली है। मैं अपनी ओर से राहुल गांधी का नाम अध्यक्ष के लिए रखूंगा क्योंकि यही कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावना है।

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