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महिला रिजर्वेशन पर कांग्रेस का कोटे के भीतर कोटा का समर्थन, निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की वकालत की

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उदयपुर। कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक वापसी के लिए बड़ा सामाजिक दांव खेलने की तैयारी का चिंतन शिविर में साफ संकेत देते हुए संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए प्रस्तावित 33 फीसद आरक्षण कोटा के भीतर ओबीसी और एसी-एसटी वर्ग की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण कोटा देने का समर्थन किया है। महिला आरक्षण में अब तक कोटे का विरोध कर रही कांग्रेस ने इस मुद्दे पर यू-टर्न लेने के साथ ही संसद और विधानसभाओं में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण लागू करने की पैरोकारी कर इस बड़े सामाजिक समूह को साधने का सियासी दांव भी चल दिया है।
इसी कड़ी में पार्टी ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में ओबीसी, एससी-एसटी के लिए आरक्षण की वकालत की है। देश के सियासी समीकरणों को गहरे रूप से प्रभावित करने वाले इन मुद्दों पर अपनी गंभीरता का संदेश देने के लिए कांग्रेस ने पार्टी संगठन के हर स्तर पर ओबीसी, एससी-एसटी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव कांग्रेस कार्यसमिति के समक्ष रख दिया है।
उदयपुर नव संकल्प चिंतन शिविर के दूसरे दिन सामाजिक न्याय की सियासत के सहारे अपने सिकुड़ते राजनीतिक आधार को फिर से पाने के इस रोडमैप का संकेत देकर कांग्रेस ने साफ कर दिया कि केवल संगठनात्मक बदलाव ही इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं है। मौजूदा राजनीति की हकीकत के अनुरूप सामाजिक समीकरणों को दुरूस्त करके ही पार्टी अपने सियासी आधार को बढ़ा सकती है।
महिला आरक्षण पर कांग्रेस का बदला रुख इसका स्पष्ट संकेत है। चिंतन शिविर में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण समूह अपनी दो दिन की चर्चाओं के बाद महिला आरक्षण में कोटा के भीतर कोटा के प्रस्ताव का समर्थन करने के निष्कर्ष पर पहुंचा। चिंतन बैठक से पूर्व तक कांग्रेस इसके खिलाफ थी और तभी यूपीए सरकार में राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद भी लोकसभा में इसकी राह नहीं बन पाई।
तब कांग्रेस के सहयोगी दलों के साथ ही सपा और बसपा जैसे दलों ने कोटा के भीतर कोटा की मांग उठाई। ऐसे में इस यृ-टर्न का कारण पूटे जाने कांग्रेस के इस समूह के प्रमुख सलमान खुर्शीद और सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि आज की सामाजिक और राजनीतिक हकीकत काफी बदल गई है। बदले समय की मांग है कि महिला आरक्षण में ओबीसी, एससी-एसटी के लिए अलग से कोटा निर्धारित किया जाए।
ओबीसी वर्ग के लिए संसद और विधानसभाओं में आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि अभी इसको लेकर चर्चा शुरू हुई है और हम मानते हैं कि समय की मांग है कि इस पर आगे बढ़ा जाए। कांग्रेस कार्यसमिति इस प्रस्ताव पर रविवार को विचार कर अंतिम फैसला लेगी।
सैलजा ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्घता का ही प्रमाण है कि हमने संगठन के हर स्तर पर ओबीसी, एससी-एसटी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। ओबीसी वर्ग में भाजपा और क्षेत्रीय दलों के वर्चस्व को तोड़ कर अपने लिए भी जगह बनाने की कांग्रेस की बेचौनी इस बात से भी जाहिर होती है कि पार्टी अब जातिगत जनगणना का समर्थन करने की लगभग तैयारी कर चुकी है। चिंतन शिविर में जातिगत जनगणना की पैरोकारी का प्रस्ताव भी रखा गया है।

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