पारिस्थितिक संतुलन के लिए गैरेया का संरक्षण जरूरी : बडोनी
श्रीनगर गढ़वाल : राजकीय इंटर कॉलेज मंजाकोट में जीव विज्ञान के प्रवक्ता डॉ. अशोक कुमार बडोनी का कहना है कि विलुप्त होती गौरेया का संरक्षण और इसे बचाना पारिस्थितिक संतुलन के लिए जरूरी है। कहा कि प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य गौरेया पक्षी की संकटग्रस्त प्रजाति को विलुप्त होने से बचाना ही है। गौरेया एक सर्वव्यापी पक्षी है जो दुनिया भर में विभिन्न स्थानों पर पाई जाती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से लगातार इसकी संख्या में कमी आ रही है। उन्होंने इसे पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की मांग भी की है। डॉ. बडोनी का कहना है कि विश्व गौरेया दिवस इस पक्षी के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण पहल है। कहा कि यह दिवस हर साल ‘आई लव स्पैरो थीम के साथ मनाया जाता है। गौरेया पक्षी की प्रजातियां कम होने के पीछे का प्रमुख कारण लगातार बढ़ता मानवीय हस्तक्षेप है। उन्होंने कहा कि गौरेया हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं, यह कीट आबादी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं तथा खाद्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। (एजेंसी)