देश-विदेश

कर्नाटक के झंडे पर राहुल की फोटो से विवाद, कन्नड़ संगठनों ने किया विरोध

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

मैसूर, एजेंसी। कर्नाटक के झंडेश् पर राहुल गांधी की तस्वीर से नया विवाद खड़ा हो गया है। कई कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी पर निशाना साधा है। कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कांग्रेस को श्कर्नाटक ध्वजश् पर राहुल गांधी की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी है। अनौपचारिक कन्नड़ ध्वज या कर्नाटक ध्वज में एक पीले और लाल रंग की पट्टी होती है, जिसे कन्नड़ और कर्नाटक दोनों का प्रतीक कहा जाता है।
रविवार को मैसूर में पार्टी की यात्रा के दौरान श्कर्नाटक के झंडेश् लहराते देखे गए। इन झंडों पर राहुल गांधी की तस्वीरें छपी हुई थीं। झंडे पर राहुल गांधी की तस्वीर छापने के लिए कन्नड़ समर्थक समूहों ने कांग्रेस से माफी मांगने की भी मांग की है। कर्नाटक नवनिर्माण सेना जैसे कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कर्नाटक के झंडे का इस्तेमाल इस तरह की राजनीति के लिए नहीं करने का आग्रह किया है। संगठनों ने सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से माफी की भी मांग की।
कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा, मैं कन्नड़ ध्वज पर फोटो की निंदा करता हूं। जब कांग्रेस नेता, सिद्घारमैया सत्ता में थे, उन्होंने कर्नाटक का झंडा बदल दिया। उस समय सभी कन्नडिगों ने विरोध किया, फिर उन्होंने इसे बदल दिया। अब, राहुल गांधी की तस्वीर ख्झंडे पर, कांग्रेस के लिए शर्म की बात है।
इस पूरे विवाद पर कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की भी टिप्पणी आ गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, उन्होंने कहा, ष्मैं माफी नहीं मांगूंगा। यह हमारा मूल कर्तव्य है। कन्नड़ झंडा किसी की संपत्ति नहीं है। राष्ट्रीय ध्वज पर, हम अपने नेताओं की तस्वीर लगाते हैं। कन्नड़ ध्वज पर भी, हम अपने नेताओं की तस्वीर लगाते हैं। यह फैसला हमने लिया है। मैं माफी नहीं मांगना चाहता।
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक के मैसूर शहर तक पहुंच गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में पार्टी की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के तीसरे दिन सोमवार को यहां चामुंडी पहाड़ियों के ऊपर स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर जा कर पूजा अर्चना की। राहुल जब मंदिर गए तब उनके साथ उनके समर्थक और पार्टी के नेता भी थे । देवी चामुंडेश्वरी मैसूर राजघराने की कुल देवी और कई शताब्दियों से मैसुरू की अधिष्ठात्री देवी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!