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कोरोना की रफ्तार से पुलिस की जिम्मेदारी दोगुनी हो गई

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देहरादून। उत्तराखंड में यूं तो पुलिस पिछले कोरोना काल से जान जोखिम में डालकर आम लोगों की सुरक्षा में जुटी थी। लेकिन इस बार अप्रैल माह में अचानक बढ़ी कोरोना की रफ्तार से पुलिस की जिम्मेदारी दोगुनी हो गई। यही कारण रहा कि पुलिस ने कोरोना संक्रमण से बढ़ी हर परेशानी को मिशन के रूप में लिया और इस मिशन का नाम मिशन हौसला रख दिया। करीब एक माह तक चले इस मिशन के दौरान उत्तराखंड पुलिस के करीब 5 जवानों और 64 परिजनों की भी जान चली गई। इसके अलावा 2382 जवानों और 751 परिजनों को भी कोरोना हुआ। लेकिन आम लोगों की सुरक्षा और मदद में ¡मिशन हौसला कम नहीं हुआ। इसका परिणाम यह रहा कि पुलिस के इन हौसलों की देश और दुनिया में खूब तारीफ हुई। आज 1 मई से 31 मई तक चले मिशन हौसले को पुलिस ने विराम दे दिया है। अब पुलिस के हेल्पलाइन नम्बर पूर्व की भांति चलते रहेंगे और पुलिस द्वारा सहायता भी की जाती रहेगी। पुलिस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए डीआईजी/मुख्य प्रवक्ता नीलेश आनंद भरने ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 1 मई से मिशन हौसला प्रारम्भ किया गया। 31 मई तक पूरे राज्य में पुलिस टीम ने जी जान से हौसला आम लोगों की सुरक्षा में कायम रखा। मिशन हौसला में प्रत्येक जनपद व बाटालियन में कोविड कन्ट्रोल रूम स्थापित कर उनके नम्बर जारी किये गए। इनमें मिशन हौसला के तहत इस एक माह में पुलिस सहायता हेतु 31 हजार 815 फोन कॉल प्राप्त हुई। इन पर कार्यवाही करते हुए कुल 27 सौ 26 लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, 792 लोगों को अस्पताल प्रबन्धन से समन्वय कर अस्पताल में बेड, 217 लोगों को प्लाज्मा/ब्लड डोनेशन, 17609 लोगों को दवाईयां, 600 लोगों को एंबुलेंस की सुविधा दिलाने में मदद की गयी। साथ ही 94484 लोगों को राशन, दूध व कुक्ड फूड, 792 कोरोना संक्रमितों का दाह संस्कार और 5252 सीनियर सिटिजन से सम्पर्क कर उनकी सहायता की गयी। बहुत से सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर मिशन हौसला को सहयोग किया गय।
स्टाफ और परिजन खोने पर कम नहीं हुए हौसले
डीआईजी (अपराध एवं कानून व्यवस्था)/प्रवक्ता उत्तराखण्ड पुलिस नीलेश आनंद भरने ने बताया कि मिशन हौसला को सफल बनाने में उत्तराखण्ड पुलिस के सभी अधिकरियों एवं जवानों ने दिन-रात एक कर मानव सेवा के लिए कार्य किया है। मरीजों तक आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाना हो या उनको अस्पताल ले जाकर बेड दिलाना। जरूरतमंदों की भूख मिटाना हो या उन्हें अस्पताल या घर पहुंचाना। हमारे जवान हर मोर्चे पर तन्मयता से जुटे रहे। मिशन हौसला के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों में पुलिस कर्मियों ने जरूरतमंदों की मदद और सेवा की है निश्चित भरे नेक और निस्वार्थ स्वरूप को दर्शाता है। इस दौरान हमारे 2382 पुलिसकर्मी एवं उनके 751 परिजन भी कोरोना से संक्रमित हुए, जिसमें से 05 जवानों एवं 64 परिजनों की मृत्यु हुई। इसके बावजूद भी हमारे जवाने अपनी ड्यूटी पर अडिग रहे।

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