उत्तराखंड

भाकपा माले ने की जोशीमठ में राहत और पुनर्वास तेजी से करने की मांग

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चमोली। भाकपा माले ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा भू धंसाव से संकटग्रस्त जोशीमठ के राहत-पुनर्वास-स्थिरीकरण के काम को अपने हाथ में ले कर त्वरित गति से कार्यवाही की जाए। भाकपा माले ने राज्य व्यापी धरने के तहत प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में जोशीमठ की वर्तमान तबाही के लिए एनटीपीसी को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि एनटीपीसी द्वारा बनाई जा रही तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना को तत्काल स्थायी रूप से बंद किया जाए। साथ ही जोशीमठ का अस्तित्व संकट में डालने के लिए एनटीपीसी पर इस परियोजना की लागत का दो गुना जुर्माना लगाया जाए। लगभग बीस हजार करोड़ की इस राशि को परियोजना के कारण उजड़ने वाले लोगों में वितरित किया जाए। भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी, राज्य कमेटी सदस्य अतुल सती ने बताया प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि केंद्र सरकार जोशीमठ के लोगों को घर के बदले घर व जमीन के बदले जमीन देते हुए नए व अत्याधुनिक जोशीमठ के समयबद्घ नव निर्माण के लिये एक उच्च स्तरीय उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करे। जिसमें जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति और स्थानीय जन प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा सेना के लिए 1962 में जोशीमठ के लोगों की जमीनें अधिगृहित जमीनों का मुआवजा मुआवजा वर्तमान बाजार दर पर दिया जाए। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बन रही व प्रस्तावित सभी जलविद्युत परियोजनाओं, अल वेदर रोड और रेल मार्ग की समीक्षा की जाय। पंचेश्वर जैसे विशालकाय बांध हिमालयी क्षेत्र में न बनाए जाएं। उप जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन देने और धरना देने वालों में भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी, राज्य कमेटी सदस्य अतुल सती, गढ़वाल विवि छात्र संघ उपाध्यक्ष राबिन सिंह असवाल, अनूप बिजल्वाण, वीरेंद्र वर्मा, समरवीरा रावत,ातिक नेगी, शिशुपाल डंडरियाल आदि शामिल रहे।

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