देश-विदेश

2 साल में खत्म हो जाएगी साइबर वित्तीय धोखाधड़ी, अनचाही कॉल से भी मिलेगा छुटकारा

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने दो साल के भीतर साइबर धोखाधड़ी को खत्म करने और करोड़ों मासूम नागरिकों को साइबर सुरक्षा प्रदान करने और मोबाइल फोन पर अवांछित कॉल से मुक्ति दिलाने का वादा किया है। केन्द्रीय संचार, सूचना प्रौद्योगिकी, इलैक्ट्रॉनिक्स एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज यहां संवाददाताओं से दूरसंचार विधेयक 2023 के बारे में चर्चा करते हुए यह वादा किया। उन्होंने कहा कि नए दूरसंचार कानून में मोबाइल सिम हासिल करने की प्रक्रिया को पासपोर्ट की तर्ज पर पारदर्शी एवं विश्वसनीय बनाया जा रहा है जिसमें सिम को आधार कार्ड से लिंक करना, केवाईसी सत्यापन करना और उपयोगकर्ता की जिम्मेदारी तय करने के प्रावधान किये हैं। दूसरे के नाम से सिम लेना दंडनीय अपराध करार दिया गया है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोबाइल फोन से वित्तीय धोखाधड़ी के जामताड़ा गैंग को नेस्तनाबूद करने के लिए कदम उठाये गये हैं। सिम कार्ड बेचने में नियमों की अवहेलना करने वाले करीब 47 हजार सिम कार्ड विक्रेताओं को प्रतिबंधित किया गया है तथा 57 लाख सिम कार्ड को निष्क्रिय किया गया है। उन्होंने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापों की कार्रवाई की गयी है।
संचार मंत्री ने विदेशी सिम एवं सर्वर के उपयोग को कानून के दायरे में लाने के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विधेयक में इसी प्रकार से टेलीकॉम आइडेंटीफायर के दुरुपयोग को दंडनीय अपराध बनाया गया है। विदेश स्थित सर्वरों को भी कार्रवाई के दायरे में लाया गया है। भारत सरकार को जर्मनी, पाकिस्तान, चीन, बंगलादेश आदि किसी भी देश में स्थित सर्वरों को जब्त करने एवं भारत सरकार को हस्तांतरित करने तथा इसे अंजाम देने वाले अपराधियों के प्रत्यर्पण का इंटरपोल के माध्यम से अनुरोध करने का अधिकार मिल जाएगा।
वैष्णव ने कहा कि व्हाट्सअप आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए 40 लाख व्हाट्सअप एकाउंट निष्क्रिय किया गया है। उन्होंने कहा कि दो साल के अंदर ये सभी प्रावधान ठीक प्रकार से लागू हो जाएंगे और मोबाइल फोन के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी को प्रभावी रूप से रोका जा सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि मोबाइल फोनों पर अवांछित मार्केटिंग कॉल की बीमारी को दूर किया जा सकेगा। डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) में रजिस्टर करने के बावजूद अवांछित कॉल इसलिए आ रहीं हैं क्योंकि यह दंडनीय अपराध नहीं है। नये कानून में इसे दंडनीय अपराध बनाया गया है।
संचार मंत्री ने यह भी कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाता के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। सौ अलग अलग लाइसेंस की जगह एक ही जगह पंजीकरण कराना होगा। ओटीटी को इससे अलग किया गया है। स्पेक्ट्रम के आवंटन की प्रक्रिया को सुधारा गया है। सेना, सुरक्षा बल, पुलिस, बन विभाग, रेलवे, मेट्रो, अंतरिक्ष वैज्ञानिकों, रेडियो, टेलीविजन सेवाएं, विमान परिचालन सहित 19 प्रकार की सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम प्रशासनिक आधार पर तय किया जाएगा। बाकी सबके लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी। उन्होंने कहा कि नये कानून से संचार का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!