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रक्षा मंत्री ऑस्टिन का भारत दौरा अहम, 2-प्लस-2 वार्ता में कनाडा-खालिस्तान से जुड़ी चिंता पर बात

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर अपनी गंभीर चिंताओं से अमेरिका को अवगत कराया है। भारत ने टू प्लस टू विदेश और रक्षा मंत्रीस्तरीय बैठक में अपनी चिंताओं को उजागर किया। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमने अपनी चिंताओं को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है।” बता दें कि खालिस्तान और चरमपंथ से जुड़े मुद्दे बेहद संवेदनशील हैं। गत दिनों प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद भारत के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं।
क्वात्रा ने कहा, ”हमारी मुख्य चिंताएं सुरक्षा को लेकर हैं। मुझे यकीन है कि आप सभी हाल ही में एक ऐसे व्यक्ति के सामने आए वीडियो से अवगत होंगे।” उन्होंने कहा कि अमेरिकी पक्ष नई दिल्ली की चिंताओं को समझता है। बता दें कि कनाडा पहले ही भारत से 41 राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को वापस बुला चुका है। भारत ने पहले ही कुछ वीज़ा सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं।
बता दें कि कनाडा के सरे शहर में जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाए थे। इसके बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव बना हुआ है। ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिनों बाद, भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। राजधानी ओटावा को भेजे सख्त संदेश में भारत ने कहा, समानता सुनिश्चित करने के लिए कनाडा को भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहा गया।
भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू (2+2) वार्ता की अहमियत को लेकर भी विदेश मंत्रालय की तरफ से अहम बयान सामने आया। अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन के भारत दौरे के बीच विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि दोनों देश आपसी सहयोग को लेकर प्रतिबद्ध हैं। क्वात्रा ने कहा कि टू प्लस टू वार्ता काफी फायदेमंद है और पांचवें संस्करण का समापन ठोस तरीके से हुआ है। विदेश सचिव ने बताया कि आज की बैठकें और बैठक के आसपास का माहौल द्विपक्षीय साझेदारी की स्थायी प्रतिबद्धता का संकेत थीं।
उन्होंने कहा, “विशेष रूप से महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साझेदारी को और अधिक विस्तारित करने और इसे और अधिक गहरा करने के लिए भारत और अमेरिका मिलकर काम करने की इच्छा रखते हैं।” विदेश सचिव विनय क्वात्रा के मुताबिक 2+2 चर्चा में, दोनों पक्षों के प्रमुखों – भारतीय पक्ष की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने भाग लिया। अमेरिका की ओर से राज्य सचिव और रक्षा सचिव – ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की।
क्वात्रा ने बताया कि भारत और अमेरिका ने कई साझेदारियों पर चर्चा की। व्यापार और निवेश साझेदारी, प्रौद्योगिकी साझेदारी, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र से संबंधित साझेदारी, विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के मूल्य और आपूर्ति श्रृंखला प्रतिभूतिकरण, अंतरिक्ष के क्षेत्र में साझेदारी पर प्रमुखता से बातें हुई। दोनों देशों के बीच निरंतर भागीदारी पर भी बातें हुईं।
उन्होंने कहा कि खनिज प्रतिभूतियों का क्षेत्र, आतंकवाद से निपटने में भारत और अमेरिका के साझा प्रयास पर भी संवाद हुआ। इसके अलावा कई और मुद्दों पर भी बातें हुईं। 2 + 2 वार्ता के पहले चार संस्करण में दोनों देशों के अधिकारियों ने जिन मुद्दों पर बातें की, उसमें से भी कई मुद्दे द्विपक्षीय संबंधों के अवलोकन का हिस्सा बने। भारत और कनाडा के रिश्तों पर भी विदेश सचिव ने एक अहम सवाल का जवाब दिया।
कनाडा के साथ तनाव को लेकर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने परोक्ष रूप से कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया, खालिस्तान को लेकर भारत हमेशा अलर्ट रहा है। उन्होंने कहा कि ये हमारी मुख्य सुरक्षा चिंताओं में शामिल है। बता दें कि विदेश मंत्रालय के अलावा रक्षा मंत्रालय भी टू प्लस टू वार्ता में प्रमुखता से शामिल होते हैं। विदेश नीति के संदर्भ में दोनों देशों के बड़े नेताओं की मुलाकात और नीतियों पर चर्चा काफी अहम होती है।

 

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