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दिल्ली में फिर टूटा कोरोना का रिकॉर्ड, 24 घंटे में मिले 13 हजार से ज्यादा केस, बढ़ा मौत का आंकड़ा

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नई दिल्ली,एजेंसी । दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण में काफी तेजी देखी जा रही है। राजधानी में यह बेकाबू हो चुका है। बीते 24 घंटे में यहां 13 हजार से ज्यादा लोग कोरोना महामारी की चपेट में आ गए हैं। कुल संक्रमितों की बात की जाए तो मंगलवार को सरकार के द्वारा जारी डाटा के अनुसार राजधानी में 13,468 लोग संक्रमित हुए जिसमें से 81 लोगों की मौत हो गई।
फिलहाल कोरोना के तेजी से बढ़ते ही एक्टिव केसों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है। एक्टिव केस अब 43510 पहुंच गया है। अगर यही रफ्तार रही तो राजधानी में जल्द ही 50 हजार कोरोना के एक्टिव केस होंगे। वहीं, अब तक कुल संक्रमितों की बात की जाए तो 7,50,156 लोग इस बीमारी की जद में आ चुके हैं जिसमें से ठीक होने वालों की संख्या 6,95,210 है। इस बीमारी के कारण 11,436 लोग मौत की आगोश में जा चुके हैं। बीमारी ने मंगलवार को भी 81 लोगों को मौत की नींद सुला दिया है।
डा़ पल ने कहा कि यह इंजेक्शन उन मरीजों के लिए है जो अस्पताल में भर्ती है और जो आक्सीजन पर हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि केमिस्ट की दुकानों से इसकी खरीद नहीं की जाएगी। इसका उपयोग घरेलू उपचार के दौरान नहीं होगा। देश में कोरोना वायरस के प्रसार के बीच भारत सरकार ने आज साफ किया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का उपयोग सिर्फ हस्पिटल में कोरोना के गंभीर रोगियों के लिए किया जाना चाहिए। नीति आयोग के सदस्य ड़ वीके पल ने कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्घ्तेमाल अस्घ्पताल में ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग घरेलू उपचार के दौरान नहीं होगा। डा़ पल ने कहा कि यह इंजेक्शन उन मरीजों के लिए है, जो अस्पताल में भर्ती है और जो अक्घ्सीजन पर हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि केमिस्ट की दुकानों से इसकी खरीद नहीं की जाएगी। उन्होंने अपील किया कि रेमडेसिविर का तर्कसंगत और जायज उपयोग होना चाहिए।
डा़ पाल का यह बयान ऐसे समय आया है, जब देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच विशेषज्ञों ने राय दी थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की मंजूरी होम आइसोलेशन में जरूरतमंद मरीजों को भी दी जाए। इसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि इस इंजेक्शन को होम आइसोलेट मरीजों को हस्पिटल और क्लीनिक की सलाह पर दिया जा सकता है। आइएमए ने इस सुझाव के पीटे यह तर्क दिया था कि संक्रमितों का एक बड़ा हिस्सा अपने घरों पर आइसोलेशन में है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चेयरमैन संजय पाटिल ने सुझाव दिया था पश्चिमी देशों में यह काफी चलन में है। उन्घ्होंने कहा कि अगर इसकी अनुमति मिलती है तो हस्पिटलों का बोझ काफी कम होगा। फिलहाल मौजूदा समय में यह इंजेक्शन हस्पिटल में भर्ती कोरोना के मरीजों को मुहैया कराया जा रहा है।

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