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दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंची

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नोएडा का हाल बेहाल, पीएम 2.5 400 के पार
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली के बहुत से इलाकों में पीएम 2़5 300के ऊपर दर्ज किया गया है, वहीं एनसीआर में नोएडा का हाल सबसे बुरा है। नोएडा में पीएम 2़5 400के पार दर्ज किया गया है। यह गंभीर श्रेणी में आता है। यह सांस के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है।
गौरतलब है कि इस सीजन में पहली बार गुरुवार को दिल्ली की हवा गंभीर स्तर तक प्रदूषित हुई। एनसीआर के शहरों की हालत भी खराब है। दिल्ली समेत गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद व गुरूग्राम का वायु गुणवता सूचकांक एक साथ 400 से ऊपर है। 464 अंकों के साथ दिल्ली-एनसीआर में सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद रहा। जबकि फरीदाबाद की हवा तुलनात्मक रूप से एनसीआर में सबसे कम प्रदूषित रही। शहर का वायु गुणवता सूचकांक 436 रिकर्ड किया गया। दिल्ली व नोएडा का सूचकांक 450 रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राजधानी में गुरुवार को अमूमन सभी हटस्पट क्षेत्र प्रदूषण को लेकर गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हैं। यही वजह रही कि अधिकतर हटस्पट क्षेत्रों में 450 से अधिक वायु गुणवता सूचकांक दर्ज किया गया।वहीं, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर के अनुसार, मिक्सिंग हाइट के 600 मीटर नीचे आने, उतर- पश्चिम दिशाओं से आने वाली हवाओं की कमी में रफ्तार के अलावा पराली जलने की अधिक घटनाओं के कारण राजधानी की हवा गंभीर स्थिति में पहुंची है। सफर के अनुसार, आगामी कुछ दिनों में हवा के स्तर में बदलाव होने से प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच सकता है, हालांकि लंबे समय तक प्रदूषण के बहुत खराब श्रेणी में बने रहने की संभावना बनी हुई है।
दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता : रणदीप
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली- एनसीआर में बृहस्पतिवार को प्रदूषण के गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था श्सफरश् ने लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें। साथ ही दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के डक्टरों ने भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हेल्थ अलर्ट जारी किया है। इसी बीच एक निजी समाचार चौनल पर दिल्ली एम्स निदेशक ड़ रणदीप गुलेरिया से तीसरी लहर को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि इसकी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
दोबारा कोराना संक्रमित होने के सवाल पर उनका कहना था कि पहली बार संक्रमित होने के बाद इम्यूनिटी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आपको अगर एक बार कोरोना संक्रमित हो गएतो दोबारा नहीं होगा, ऐसा नहीं है। आपको ठीक होने के बाद भी मास्क पहनना, लोगों से दो गज की दूरी बनाकर रखना और किसी भी सामान को टूने के बाद अपने हाथों को साफ करने जैसी बातों का ध्यान रखना होगा।
उनका कहना था कि प्रदूषण ने कोरोना संक्रमणको और भी घातक बना दिया है। अभी आपको कोशिश करनी चाहिए कि जब तक बेहद जरूरी न हो घर से बाहर न निकलें। एक और सवाल के जवाब में उनका कहना था कि अगर दिल्ली की तरह ही पूरे देश में संक्रमितोंके मामले में तेजी आ जाती तो हम मान सकते थे कि पूरे देश में तीसरी लहर ने दस्तक दे दी। लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं है देश के बाकी हिस्सों में संक्रमितों की संख्या घट रही है,इसलिए इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। हां, इतना जरूर है कि अब बेहद सावधानी रखने का समय आ गया है और छोटी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।इसके साथ ही लोगों को सलाह दी गई है कि केवल जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। घरों के सभी खिड़की-दरवाजे बंद रखें और सुबह-शाम की सैर को कुछ समय के लिए बंद कर दें।
इससे पहले एम्स के पल्मोनरी विभाग के डक्टर करन मदान का भी बयान सामने आया था उनका कहना था कि राजधानी में प्रदूषण के मौजूदा हालात को देखते हुए स्वास्थ्य आपातकाल के हालात पैदा हो गए हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे विशेष तौर पर बाहर न निकलें। सामान्य व्यक्ति भी बहुत जरूरी होने पर ही घर से मास्क लगाकर निकलें। विशेषकर, अस्थमा के मरीजों को बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।

दिल्ली-एनसीआर में बेलगाम प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र से उपाय करने कहा
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली-एएनसीआर की हवा लगातार जानलेवा होती जा रही है। इसको लेकर तमाम दावे और फैसले लिए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई सकारात्मक असर होता नजर नहीं आ रहा है। हर साल दिवाली से पहले सांस लेना भारी हो जाता है। शुक्रवार को भी दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बनाया गया आयोग आज से ही काम शुरू कर देगा। इसपर शीर्ष अदालत के सख्त लहजे में कहा कि ये सुनिश्चित किया जाए कि दिल्ली को स्मग से मुक्ति मिले।
अदालत अब वायु प्रदूषण के मामले में दिवाली की छुट्टी के बाद सुनवाई करेगी। सलिसिटर जनरल द्वारा बताया गया कि प्रदूषण पर लगाम के लिए घोषित आयोग के सदस्यों के नाम तय कर दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बनाए गए आयोग के पदाधिकारियों के नाम जारी किए गए हैं। इसमें पेट्रोलियम और प्रातिक गैस मंत्रालय के पूर्व सचिव कुट्टी को आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा 14 और सदस्य इसमें शामिल रहेंगे। वहीं, दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब के अधिकारी भी इसमें अपनी सेवा देंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी हर साल केंद्र को बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर फटकार लगाती है। इस बार भी मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है और सुनवाई की जा रही है।

जरूरी होने पर ही निकलें घर से बाहर, खिड़की-दरवाजे बंद रखने की सलाह
नई दिल्ली। राजधानी में बृहस्पतिवार को प्रदूषण के गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर ने चेतावनी जारी की है। कहा है कि जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें। साथ ही दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के डक्टरों ने भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हेल्थ अलर्ट जारी किया है। बृहस्पतिवार को पीएम10 का स्तर सुबह आठ बजे करीब 560 माइक्रोग्राम घन मीटर दर्ज किया गया। इससे पहले यह 15 साल पहले नवंबर में 637 दर्ज किया गया था। 100 ग्राम प्रति घन मीटर से कम होने पर पीएम10 का स्तर सुरक्षित माना जाता है। पीएम 10 बहुत सूक्ष्म होते हैं। इनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से भी कम होता है।

यह आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को जन्म देते हैं। पीएम 2़5 भी 336 दर्ज किया गया है। यह 60 ग्राम प्रति घन मीटर से कम होने पर सुरक्षित माना जाता है। पीएम 2़5 आसानी से रक्त वाहिकाओं में प्रवेश करता है। यह भी विभिन्न प्रकार की बीमारी को जन्म देता है।

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