उत्तराखंड

निजीकरण के विरोध में पेयजल कर्मियों का प्रदर्शन

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हल्द्वानी। जल निगम और जल संस्थान के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मंगलवार को निजीकरण के विरोध में तिकोनिया स्थित जल संस्थान कार्यालय पर धरना दिया। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने सरकार और शासन पर सौतेला व्यवहार का करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। जल निगमध्जल संस्था संयुक्त मोर्चों के तत्वावधान में मंगलवार को हल्द्वानी में भी अधिकारी व कर्मचारियों ने धरना देकर प्रदर्शन किया। जिसकी अध्यक्षता डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ जल निगम के शाखा अध्यक्ष जगदीप सिंह राणा ने की। संयुक्त मोर्चा के मंडल संयोजक शीतल साह ने कहा कि सरकार जल निगम व जल संस्थान के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित पेयजल और सीवरेज कार्यों को उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) के हाथों में सौंपा जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जिन कार्यों को जल निगम और जल संस्थान कराता आ रहा है। उसे एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से कराने के पीटे सरकार और शासन की मंशा केवल पेयजल सेक्टर का निजीकरण करने की है। कहा कि बुधवार को फिर 2 घंटे का सांकेतिक धरना होगा। 25 जनवरी को रैली निकाली जाएगी और 27 से 31 जनवरी तक पूर्णत: कार्य बहिष्कार होगा।
प्रदर्शन में रहे मौजूदरू संयुक्त मोर्चा कुमाऊं संयोजक संजय जोशी, हीरा कनवाल, उर्मिला देवी, दीपा जोशी, ओमवती देवी, रचना चौधरी, अमित नेगी, केके बुधानी, नवीन भट्ट, यतेन्द्र सिंह रावत, ललित प्रसाद, हेमन्त भट्ट, भुवन चन्द्र पांडे, भीम सिंह, हरीश चन्द्र तिवारी, कमला लोहनी, दिनेश पांडेय, पूरन चन्द्र बेलवाल, निधि जोशी, गीता बिष्ट, चन्द्रकला आर्य, चन्द्रबाला, सुनीता दुर्गापाल, आलोक कुमार, अर्पित जोशी, लक्षिता उप्रेती, देवन्द्र सिंह, संदीप सिंह बिष्ट, निखिल पंत, दीप चन्द्र बधानी आदि रहे।

 

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