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40 दिनों से आंदोलनरत बांध प्रभावितों का सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन

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विकासनगर। हरीश रावत सरकार में व्यासी बांध प्रभावितों को बसाने के लिए रेशमबाग जीवनगढ़ अंबाडी में प्रस्तावित जमीन के फैसले को धामी सरकार के निरस्त किये जाने से बांध प्रभावितों में आक्रोश है। पिछले 40 दिनों से जुड्डो में धरना दे रहे बांध प्रभावितों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। बांध प्रभावितों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की और धामी सरकार का पुतला दहन किया। प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को बांध प्रभावितों ने कहा कि राष्ट्र व प्रदेश के हित में उन्होंने अपनी पैतृक संपत्ति का बांध के लिए त्याग दिया। कहा कि एकमात्र राजस्व गांव लोहारी के ग्रामीणों का पुनर्वास किया जाना है। जिसके लिए तीन जनवरी 2017 को कांग्रेस की हरीश रावत सरकार ने मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पारित कर लखवाड़ व्यासी बांध प्रभावितों के पुर्नवास के लिए प्रस्तावित किया था। जिसे रेशम विभाग से स्थानांतरित किया गया। लेकिन जनविरोधी भाजपा की धामी सरकार ने 14 जुलाई को उक्त प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। विस्थापितों ने सरकार पर आरोप लगाया कि राष्ट्र को अपनी जमीन समर्पित करने वाले ग्रामीणों के साथ जिस तरह का अत्याचार कर रही है उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा। कहा कि सरकार को रेशम विभाग की जमीन को निरस्त करने का प्रस्ताव तत्काल निरस्त करना होगा। प्रदर्शनकारियों में दिनेश तोमर, सरदार सिंह, दिनेश चौहान, रमेश चौहान, सुखपाल तोमर, मोहन सिंह तोमर,टीकम सिंह राजेंद्र सिंह तोमर, महेश तोमर, पूरण वर्मा, संजय तोमर, इंदर सिंह तोमर, अमन चौहान, विजया देवी, ब्रह्मदेई, सुनीता चौहान, रोशनी देवी, प्रकाशी देवी, प्रमिला चौहान, माधुरी, प्रर्मिला तोमर, अनीता, गुड्डी आदि शामिल रहे।

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