धान की फसल पर भी कोरोना की मार, किसानों को नहीं मिल रही खाद
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोरोना महामारी की मार अब धान की फसल पर भी पड़ रही है। किसानों को समय पर खाद नहीं मिल रही है। जिस कारण किसान मायूस है। कोटद्वार तहसील क्षेत्र में खाद की किल्लत है। साधन सहकारी समितियों में खाद का टोटा है। समितियों में खाद की आपूर्ति न होने से किसान बाजार से महंगे दामों में खाद लाकर धान में लगाने को मजबूर है। फसलों में समय से खाद न लगने से किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
किसान और आम आदमी की कोरोना काल में वैसे ही कमर टूट गई है। ऐसे में उन्हें समय पर खाद की उपलब्धता न मिलने के कारण वह और भी परेशान नजर आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से खाद की तहसील क्षेत्र में किल्लत देखी जा रही है। डिमांड के तहत समितियों में खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। कई दिनों से वह समितियों और दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं। समय से खाद न मिल पाने के चलते उनकी धान और गेहूं की फसल को नुकसान हो रहा है। इससे किसान परेशान नजर आ रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता विजय ध्यानी ने कहा कि कोटद्वार में सहकारी समितियों में किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। वर्तमान में धान की फसल के लिए किसानों को खाद की अति आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश खातेदार किसान समितियों से ही खाद क्रय करता है। सहकारी समितियों के सचिवों से जानकारी मिली की वर्तमान में खाद बाहर से नहीं आ रही है और अभी कुछ पता नहीं है कब तक आयेगी। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से उच्चाधिकारियों से वार्ता कर कोटद्वार में सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध कराने की मांग की है। ताकि किसानों को सही समय पर खाद उपलब्ध हो सके।